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तेज गेंदबाज के खिलाफ रिवर्स स्वीप लगाते हैं ऋषभ पंत, इस तरह हुआ आलोचना का अंत

Khushboo Dhruw
20 May 2021 2:16 PM GMT
तेज गेंदबाज के खिलाफ रिवर्स स्वीप लगाते हैं ऋषभ पंत, इस तरह हुआ आलोचना का अंत
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ऋषभ पंत को लेकर क्रिकेट की दुनिया हतप्रभ है

आप मानें न मानें, लेकिन इस वक्त विश्व क्रिकेट में जितनी चर्चा ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को लेकर है उतनी किसी को लेकर नहीं. टीम इंडिया (Team India) में चाहे जितने बड़े-बड़े स्टार हों, लेकिन ऋषभ पंत को लेकर क्रिकेट की दुनिया हतप्रभ है. चौंक रही है. एक खिलाड़ी जिसकी आलोचना हर किसी ने की थी वो पिछले 6 महीने में 360 डिग्री बदल गया. खास बात ये है कि उसकी आलोचना करने वालों में मीडिया या क्रिकेट फैंस नहीं बल्कि क्रिकेट के बड़े बड़े जानकार शामिल थे. कई तरफ से ये आवाज उठी थी कि आखिर ऋषभ पंत को कितने मौके दिए जाएंगे? कई लोगों ने बयान दिया था कि अब ऋषभ पंत को लेकर कड़ा फैसला लेने का वक्त आ गया है. लेकिन फिर ऋषभ पंत का सितारा बदला.

आज की तारीख में ऋषभ पंत के मैदान में उतरने से पहले ही उनकी चर्चा शुरू हो जाती है. विरोधी टीमों के कप्तान की सबसे बड़ी फिक्र यही होती है कि वो ऋषभ पंत को कैसे संभालेंगे? आखिर कैसे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (ICC World Test Championship) के मैचों में उसका 'इम्पैक्ट' जबरदस्त है? आखिर कैसे वो टेस्ट क्रिकेट में अकेले दम पर मैच पलट देता है? इसके पीछे कई बड़ी वजहें हैं. पहली बड़ी वजह है- ऋषभ पंत की दिलेरी. दूसरी बड़ी वजह है- ऋषभ पंत की सोच. वो मैदान में ये सोचकर उतरते हैं कि उन्हें क्या करना है, फिर सामने दुनिया की कोई भी टीम और कोई भी गेंदबाज क्यों न हो. तीसरी बड़ी वजह है- बल्लेबाजी में बदलाव.
तेज गेंदबाज के खिलाफ रिवर्स स्वीप लगाते हैं पंत
भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ हालिया घरेलू सीरीज का चौथा टेस्ट मैच खेल रही थी. ऋषभ पंत ने उस मैच में शानदार शतक लगाया था. उस शतक ने ही टेस्ट मैच को भारत के पक्ष में मोड़ दिया था. लेकिन इस मैच में सबसे ज्यादा चर्चा हुई थी उनके उस 'रिवर्स स्वीप' शॉट की जो उन्होंने जेम्स एंडरसन के खिलाफ लगाया था. वो भी तब जबकि एंडरसन के हाथ में नई गेंद थी.
जो खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला तेज गेंदबाज हो उसके खिलाफ रिवर्स स्वीप. उस शॉट के बाद की कॉमेंट्री में चर्चा हो रही थी कि इस वक्त जेम्स एंडरसन के दिल पर क्या बीत रही होगी.
इसी सीरीज में उन्होंने टी-20 मैच के दौरान जोफ्रा आर्चर की गेंद पर रिवर्स स्वीप से छक्का लगाया था. ये दोनों शॉट्स दुनिया भर के क्रिकेट जानकारों को चौंकाने के लिए काफी थे. आप एक सेकेंड के लिए सोचकर देखिए कि तेज गेंदबाज की गेंद पर रिवर्स स्वीप. जोफ्रा आर्चर तो औसतन डेढ़ सौ किलोमीटर की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं. ऐसे में एक चूक बहुत भारी पड़ सकती है.
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ करिश्माई प्रदर्शन
इसके अलावा अगर ऋषभ पंत की बल्लेबाजी के दूसरे पहलू पर चर्चा करेंगे, तो ऑस्ट्रेलिया का दौरा सामने हैं, जहां उन्होंने सिडनी टेस्ट की चौथी पारी में मैच लगभग बदल दिया था. भारतीय टीम करीब 400 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी और उन्होंने 97 रन बनाए थे. इसके बाद सिडनी में वो जो कारनामा नहीं कर पाए थे वो उन्होंने ब्रिसबेन में किया. उनकी 89 रन की नॉट आउट खौफनाक बल्लेबाजी की बदौलत ही भारत ने ब्रिसबेन में बाजी मारी. उस मैच में भी भारतीय टीम 328 रनों के मुश्किल लक्ष्य का पीछा कर रही थी.
इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में भी ऋषभ पंत का असर साफ दिखाई दिया. आखिरी टेस्ट में तो उन्होंने अकेले दम पर मैच बदल दिया. इसी मैच में उन्होंने जेम्स एंडरसन को वो खास चौका भी लगाया था जिसका जिक्र हम कर चुके हैं.
यानी अब ऋषभ पंत मैदान में ये सोचकर उतरते हैं कि उन्हें क्या करना है. वो इस बात की फिक्र नहीं करते हैं कि सामने कौन सी टीम है. खास बात ये भी है कि वो जब बल्लेबाजी करने आते हैं लेग स्टंप का गार्ड लेकर खेलते हैं लेकिन धीरे धीरे वो पूरे विकेट के सामने खड़े होकर खेलते हैं और उसके बाद ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद को जबरदस्त अंदाज में 'हिट' करते हैं.
बल्ला चलता है तो कीपिंग भी अच्छी होती है
आप दुनिया के किसी भी विकेटकीपर बल्लेबाज से बात कर लीजिए. वो ये बात जरूर कहेगा. अगर खिलाड़ी से बल्लेबाजी अच्छी हो रही है तो उससे कीपिंग भी अच्छी होती है. ये दोनों ही ऐसे काम हैं जिसमें पैरों का सही तरह से चलना बहुत जरूरी है. कहते हैं जब बल्लेबाजी के वक्त अच्छी तरह पैर चलते हैं तो विकेट के पीछे भी कीपिंग के समय पैर अच्छे से चलते हैं.
धोनी भी आए थे तो उनके साथ ऐसा ही था. शुरूआती दिनों में वो कोई महान कीपर नहीं थे. उनकी कीपिंग औसत थी. कई बार तो मजाक और कटाक्ष में उन्हें 'गोलकीपर' तक कहा जाता था. लेकिन धीरे धीरे उनकी बल्लेबाजी शानदार होने लगी. बल्लेबाजी में विश्वास आया तो वो कीपिंग में भी दिखने लगा. एक बार टीम में जगह पक्की होने के बाद उन्होंने कीपिंग पर और मेहनत की. इसका नतीजा ये हुआ कि बाद में उन्होंने विकेट के पीछे अपनी फुर्ती से कई बार पूरी दुनिया को चौंकाया. उनके नाम विश्व क्रिकेट में सबसे तेज स्टंपिंग का रिकॉर्ड दर्ज हुआ. जो उन्होंने वेस्टइंडीज के कीमो पॉल को आउट करके बनाया. जब धोनी ने सिर्फ 0.08 सेकेंड में गिल्लियां बिखेर दी थीं.
ऋषभ पंत के लिए भी यही कहा जा रहा है. अब जबकि उनकी बल्लेबाजी में जबरदस्त बदलाव आया है इसका असर उनकी कीपिंग पर भी पड़ेगा. इंग्लैंड में पहले न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल और फिर इंग्लैंड के खिलाफ लंबी टेस्ट सीरीज ऋषभ पंत के कद को एक नए मुकाम पर ले जा सकती है.


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