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ऋषभ पंत के साथ क्रिकेटर ने की 1.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

Nilmani Pal
24 May 2022 2:04 AM GMT
ऋषभ पंत के साथ क्रिकेटर ने की 1.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
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भारत के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत के साथ हरियाणा के एक क्रिकेटर ने 1.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. पंत के साथ यह धोखा मृणांक सिंह ने किया है, जिसने पंत को अच्छी कीमत पर महंगी घड़ियां दिलाने की पेशकश की थी. इसके अलावा मृणांक ने पंत से गहने सहित शानदार वस्तुएं भी लीं, जिसे उसने नहीं लौटाया.

मृणांक फिलहाल मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है. उस पर एक व्यवसायी को भी धोखा देने के आरोप में जुहू पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था. राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल से बातचीत में ऋषभ पंत के वकील एकलव्य द्विवेदी ने पूरे मामले को लेकर जानकारी साझा की है.

एकलव्य द्विवेदी ने बताया, 'यह मूल रूप से परक्राम्य लिखत अधिनियम (negotiable instrument act) के तहत एक मामला है जहां आरोपी श्री मृनांक सिंह द्वारा जारी किया गया चेक अपर्याप्त धन के कारण अमान्य हो गया है. मृणांक ने पंत को बताया कि उसने लग्जरी घड़ियां, बैग,आभूषण खरीदने और बेचने का व्यवसाय शुरू किया है. उसने पंत से झूठे वादे किए कि वह उनके लिए बहुत सस्ते दामों पर लग्जरी घड़ियां और अन्य सामान खरीद सकता है.' द्विवेदी ने आगे बताया, 'इसके बाद पंत ने मृणांक सिंह को एक बड़ी राशि स्थानांतरित कर दिया. साथ ही उन्होंने कुछ कीमती सामान भी मृणांक को दिए, ताकि वह उन सामानों को फिर से बेचकर पंत को भारी मुनाफा देने में सक्षम होंगे. बाद में जब मामला आगे बढ़ा, तो हमने उसे कानूनी नोटिस दिया. इसके बाद 1.63 करोड़ रुपये लौटाने को लेकर आपसी समझौता हुआ, जिसके लिए श्री मृनांक सिंह ने हमें एक चेक जारी किया. जब हमने इस चेक को बैंक अधिकारियों के सामने पेश किया, तो हमें यह कहते हुए एक रिटर्न मेमो मिला कि अपर्याप्त धनराशि के कारण चेक बाउंस हो गया है.'

द्विवेदी ने कहा कि ब्याज को मिलाने पर यह रकम बढ़कर 1.8 से 1.9 करोड़ रुपये हो चुका है क्योंकि फरवरी 2021 में चेक बाउंस हो गया था. द्विवेदी ने कहा, 'वह मजिस्ट्रेट के समक्ष मामले की पिछली सुनवाई में मौजूद नहीं था. इसलिए मजिस्ट्रेट ने वहां के एसएचओ को निर्देश दिया है कि वह 19 जुलाई को आरोपी को वर्चुअली तरीके से उपस्थित करे. वह उस दिन उपस्थित रहेगा और उसका बयान दर्ज किया जाएगा. हमने अंतरिम मुआवजे के लिए धारा 143-ए के तहत अर्जी भी दाखिल की है. उस पर भी विचार किया जाएगा और दलीलें सुनी जाएंगी.'


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