बचपन में बल्ला थामने वाले हर बच्चे का सपना होता है कि वह अपने देश के लिए खेले और टीम को जीत दिलाने के लिए जी-जान लगा दे। कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया है पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान ने। सेमीफाइनल मैच की रात से पहले अस्पताल में भर्ती रहे रिजवान ने उस समय अपनी सेहत को दरकिनार कर दिया जब पाकिस्तान टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। फेफड़ों में इंफेक्शन होने की वजह से हॉस्पिटल पहुंचे रिजवान इस कदर देश की जर्सी पहनकर मैदान पर उतरे मानो उनको कुछ हुआ ही नहीं था। बाबर आजम के इस जोड़ीदार ने सेमीफाइनल मैच में कंगारू गेंदबाजों को जमकर धोया और 67 रनों की शानदार पारी भी खेली। हालांकि, गेंदबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन के चलते टीम का फाइनल में पहुंचने का सपना साकार नहीं हो सका।
पाकिस्तान टीम के बैटिंग कोच मैथ्यू हेडन ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा, 'मोहम्मद रिजवान फेफड़े में इंफेक्शन के चलते इस मैच से एक रात पहले हॉस्पिटल में थे। वह एक वॉरियर हैं। उनका प्रदर्शन इस पूरे टूर्नामेंट में लाजवाब रहा और उनके पास काफी साहस है।' रिजवान ने मैदान पर एक भी क्षण के लिए किसी को भी महसूस नहीं होने दिया कि वह इतनी बड़ी लड़ाई लड़कर मैदान पर उतरे हैं। ना ही उनके खेल में भी कोई कमी दिखी। रिजवान ने कप्तान बाबर आजम के साथ मिलकर टीम को सेमीफाइनल मैच में शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 71 रनों की पार्टनरशिप की। रिजवान ने 52 गेंदों में 67 रनों की दमदार इनिंग खेली, जिसके बूते टीम 20 ओवर में 176 के टोटल तक पहुंचने में सफल रही।