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Ravi Shastri on Coaching: टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि वह अब फिर से कोचिंग में लौटने का मन नहीं बना रहे हैं. शास्त्री के मार्गदर्शन में भारतीय टीम का प्रदर्शन टेस्ट फॉर्मेट में काफी अच्छा रहा लेकिन इस दौरान खाते में कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जुड़ी. शास्त्री अब लीजेंड्स लीग क्रिकेट में कमिश्नर हैं और कमेंट्री का लुत्फ उठा रहे हैं. वह 2017 में पहली बार टीम इंडिया के कोच बने, फिर 2019 में दूसरी बार इस पद पर नियुक्त हुए. पिछले साल दिग्गज राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया का हेड कोच बनाया गया था.
बाहर से खेल का लूंगा मजा
रवि शास्त्री ने कहा है कि उनकी कोचिंग में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहतरीन रहा और विदेशों में टेस्ट फॉर्मेट में अच्छा खेल दिखाया. हालांकि शास्त्री फिर से कोचिंग में लौटने का मन नहीं बना रहे हैं. शास्त्री की हिंदी और अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ है और वह फिर से कमेंट्री कर रहे हैं. उन्होंने स्पोर्ट्स टुडे से कहा, 'मेरा कोचिंग करियर खत्म हो गया है. मैंने सात साल जितना करना था, कर लिया. अगर मैं कुछ कोचिंग करूंगा, तो यह ग्रासरूट पर होगा. अब मैं खेल को दूर से देखूंगा और इसका आनंद लूंगा.'
टीम नहीं जीत पाई कोई ICC ट्रॉफी
रवि शास्त्री को साल 2017 में पहली बार भारतीय टीम का हेड कोच बनाया गया था. फिर 16 अगस्त 2019 को वह दोबारा इसी पद पर नियुक्त किए गए. उनके मार्गदर्शन में भारत ने पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप खेला था लेकिन खिताबी सफलता नहीं मिल पाई. शास्त्री की ही कोचिंग में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर मात दी. इसके अलावा इंग्लैंड को भी हराया. फिलहाल वह संन्यास ले चुके क्रिकेटरों की लीजेंड्स लीग क्रिकेट (LLC) में कमिश्नर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
30 साल की उम्र में ही खेल लिया था आखिरी टेस्ट
रवि शास्त्री का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर करीब 11 साल का रहा. उन्होंने साल 1981 के फरवरी महीने में वेलिंग्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था. इसी साल नवंबर में वह अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला वनडे खेले. शास्त्री ने अपना आखिरी टेस्ट मैच साल 1992 में खेला था. शास्त्री ने टेस्ट में 11 शतक और 12 अर्धशतकों की मदद से कुल 3830 रन बनाए और 151 विकेट भी लिए. वनडे में उन्होंने 4 शतक, 18 अर्धशतक लगाते हुए कुल 3108 रन बनाए. इस फॉर्मेट में उन्होंने 129 विकेट झटके.
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