जनता से रिश्ता वेबडेस्क| पू्र्व क्रिकेटर सुरेश रैना ने तीन भारतीय कप्तानों के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया। साल 2005 में उन्होंने राहुल द्रविड़ की कप्तानी में अपने क्रिकेट करियर का आगाज किया। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में रैना ने अपनी पहचान मैच विजेता खिलाड़ी के तौर पर बनाई। वह आखिरी बार भारत के लिए विराट कहली की कप्तानी में खेले। बीते साल 15 अगस्त के दिन रैना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। जब उनसे तीनों कप्तानों की रैंक करने को कहा गया जिसमें वह बिलकुल स्पष्ट थे।
धोनी के बताया नंबर- 1
सुरेश रैना ने आरजे रौनक के शो '13 जवाब नहीं' में बात करते हुए कहा, मैंने माही भाई के साथ एक बल्लेबाज, एक खिलाड़ी और एक लीडर के तौर पर बहुत क्रिकेट खेली है, जब मैंने शुरुआत की तो राहुल भाई की कप्तानी में खेला। इस प्रकार मेरे लिए धोनी, द्रविड और कोहली होंगे। विराट और मैंने कुछ बेहतरीन साझेदारियां की हैं और उन्होंने काफी रिकॉर्ड बनाए हैं, इसलिए तीनों की कप्तानी को लेकर मेरी रैंक इस प्रकार है एमएस धोनी, राहुल द्रविड़ और विराट कोहली।
विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे
सुरेश रैना और एमएस धोनी के बीच जो अद्भुत तालमेल रहा वह नई बात नहीं है। दोनों क्रिकेटरों ने भारत के लिए एक ही समय में शुरुआत की। माही रैना से करीब पांच महीने पहले टीम इंडिया में आए थे। बाद में यह दोनों खिलाड़ियों ने अपने आपको आक्रामक बल्लेबाज के तौर पर विकसित किया। सुरेश रैना तीनों प्रारूपों में शतक लगाने वाले भारत के अब तक के पहले बल्लेबाज हैं। वह धोनी की कप्तानी में साल 2011 में विश्व कप विजेता टीम इंडिया के सदस्य रहे।
धोनी-रैना ने साथ लिया संन्यास
दोनों की जुगलबंदी इंडियन प्रीमियर लीग में भी देखने को मिली जहां रैना और धोनी चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए तीन खिताब जीते। इसके बाद कुछ समय के लिए जब सीएसके को प्रतिबंधित किया गया तो दोनों की राहें अलग हुईं। तब धोनी ने राइजिंग पुणे सुपरजायंट की कप्तानी की और रैना गुजरात लायंस के साथ थे। लेकिन जैसे ही साल 2018 में चेन्नई सुपर किंग्स की आईपीएल में वापसी हुई दोनों फिर एक साथ आ गए और इसी साल खिताब भी जीता। क्रिकेट जगत में दोनी और रैना की दोस्ती की मिसाल दी जाती है। 15 अगस्त 2020 को दोनों खिलाड़ियों ने एक ही साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था।