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धर्म-अध्यात्म
कढ़ाई और तवे से है राहु-केतु का संबंध, जरा-सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
Tulsi Rao
7 Jun 2022 3:11 AM GMT
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Rahu-Ketu Upay For Kitchen: राहु और केतु को पापी ग्रह माना जाता है. किसी भी जातक की कुंडली में नीच स्थान पर होने पर व्यक्ति के जीवन में परेशानियों का अंबार लगा देते हैं. वहीं, अगर ये ऊंच के स्थान पर होते हैं तो व्यक्ति को हर सुख-सुविधा से पूर्ण कर देते हैं. राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से हर कोई कांपता है और बचे रहना चहता है. वास्तु के अनुसार, ये ग्रह घर में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा को नकारात्मक ऊर्जा में बदल देते हैं. राहु और केतु का संबंध घर में मौजूद किचन से है.
किचन में रखे बर्तनों की साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. जो लोग इन बातों का ध्यान नहीं रखते वहां राहु-केतु का वास हो जाता है. घर में पूजा घर के बाद रसोई का अहम स्थान होता है. रसोईघर का संबंध व्यक्ति की सुख-सुविधाओं से होता है. इसलिए वास्तु शास्त्र में रसोई को लेकर कुछ खास नियमों के बारे में बताया गया है. अगर आप घर और खुद को राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से बचाए रखना चाहते हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें.
कढ़ाई और तवे से है राहु-केतु का संबंध
- वास्तु जानकारों का कहना है कि तवे को ऐसी जगह रखना चाहिए, जहां पर किसी की नजर न पड़े. खासतौर से बाहर आने वाले लोगों की नजर से बचाकर रखना चाहिए.
- ऐसा भी माना जाता है कि रात को खाना बनाने के बाद तवे को धोकर ही रखना चाहिए.
- कहा जाता है कि किचन में तवा और कढ़ाई को कभी उल्टा नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से घर पर राहु का प्रभाव बढ़ने लगता है और नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
- खाना बनाने वाली जगह के दाईं ओर तवा-कढ़ाई जैसे बर्तन रखने चाहिए. कहते हैं कि रसोई में दाईं ओर मां अन्नपूर्णा का वास होता है.
- वास्तु में गर्म तवे पर पानी डालना भी अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं आती हैं.
- रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल कढ़ाई और तवा का किया जाता है. वास्तु के अनुसार, ये दोनों ही राहु का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए इन बर्तनों के इस्तेमाल और रख-रखाव का खास ध्यान रखना चाहिए.
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