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आर श्रीधर ने भारतीय ड्रेसिंग रूम में बिताए 7 वर्षों को 'अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ पल' करार देते हुए कही ये बात
Ritisha Jaiswal
10 Dec 2021 4:24 PM GMT

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पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने भारतीय ड्रेसिंग रूम में बिताए सात वर्षों को 'अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ पल' करार देते हुए कहा कि कोचिंग के दौरान टीम का 'बुरा प्रदर्शन' वास्तव में 'कोचिंग के लिए अद्भुत अवसर' होता है
पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने भारतीय ड्रेसिंग रूम में बिताए सात वर्षों को 'अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ पल' करार देते हुए कहा कि कोचिंग के दौरान टीम का 'बुरा प्रदर्शन' वास्तव में 'कोचिंग के लिए अद्भुत अवसर' होता है। श्रीधर रवि शास्त्री की अध्यक्षता वाली भारतीय टीम के कोचिंग स्टाफ का एक अभिन्न हिस्सा थे। टीम के फील्डिंग लेवल को सुधार करने में अहम भूमिका निभाने वाले कोच ने समाचार एजेंसी 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 36 रन पर ऑलआउट) और लीड्स (78 रन पर ऑल आउट) में खराब प्रदर्शन के बारे में कहा, ' यह सीखने का शानदार मौका था। कोच के रूप में मेरे लिए खराब दिन कोचिंग का शानदार अवसर होता है।'
उन्होंने कहा, 'कोचिंग के अवसर से मेरा मतलब खिलाड़ियों को समझने, उनके साथ अच्छे संबंध बनाने, आवश्यकता पड़ने पर उन्हें तकनीकी और मानसिक रूप से प्रशिक्षित करने का अवसर देने के बारे में है। इससे आपको खिलाड़ी और टीम के बारे में पता चलता है। मूल रूप से बुरे दिनों का आपका बर्ताव आपके व्यक्तित्व को बताता है। '
श्रीधर से जब पूछा गया कि क्या उनके तत्कालीन मुख्य कोच रवि शास्त्री और गेंदबाजी कोच भरत अरुण से मतभेद होते थे तो उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ नतीजे या फैसले के लिए मतभेद होना जरूरी है। सात साल तक भारतीय टीम के फील्डिंग कोच रहे इस खिलाड़ी ने कहा, 'मेरा मानना है कि बेस्ट निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए सभी कोच के बीच मतभेद होना जरूरी है। हमारे बीच हमेशा मतभेद होते थे चाहे वह मैं, रवि भाई (शास्त्री), भरत सर, हो या पहले संजय (बांगर) और फिर बाद में विक्रम (राठौड़)। लेकिन हम सभी एक ही लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रहे थे। इसमें कई बार दो लोग सहमत होते है, कई बार ऐसा नहीं होता है।। हम मुद्दे के अलग-अलग दृष्टिकोण पर बातचीत के बाद वही निर्णय लेते हैं जो भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे उपयुक्त है। हमें ऐसा कभी नहीं लगा कि हमारे विचारों को खारिज कर दिया गया है।'
उन्होंने मुख्य कोच शास्त्री की तारीफ करते हुए कहा, 'रवि भाई (शास्त्री) को आप कभी भी खेल से जुड़े सुझाव दे सकते है और वह उसे खारिज नहीं करेंगे। उनमें नेतृत्व गुण और मानव प्रबंधन का शानदार कौशल है। उनमें टीम के हित में बोर्ड से कोई भी फैसला करवा लेने की क्षमता है। उनका कद बहुत बड़ा था और वह खिलाड़ियों की मानसिकता अच्छे से समझते थे।'

Ritisha Jaiswal
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