कोहली की वनडे कप्तानी पर उठेंगे सवाल, ओपनर रोहित शर्मा का क्रम बदलना भारी पड़ा
एक कप्तान जो अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है। एक टीम जिसमें कुछ खिलाड़ियों को उनकी वर्तमान फॉर्म के बजाय ख्याति के आधार पर चुना गया। जैव सुरक्षित वातावरण (बायो-बबल) के दौर में हावी होती थकान भारत के टी20 विश्व कप में निराशाजनक अभियान के कारण रहे।
कोहली की वनडे कप्तानी पर उठेंगे सवाल
कोहली विश्व कप के बाद टी20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला कर चुके हैं। वह द्विपक्षीय शृंखलाओं में सफल रहे हैं लेकिन बड़ी प्रतियोगिताओं, जैसे विश्व कप (टी20 और वनडे), चैंपियंस ट्रॉफी या आईपीएल में सफलता नहीं मिली है। उनकी रणनीति काम नहीं कर पाती है। ऐसे हालात में कोहली की वनडे कप्तानी पर भी सवाल उठ सकते हैं।
ओपनर रोहित शर्मा का क्रम बदलना भारी पड़ा
कप्तान कोहली की सारी रणनीतियां विफल साबित हुई। पाकिस्तान के खिलाफ तो गेंदबाजी बदलाव ठीक नहीं रहे। एक विकेट नहीं ले सके भारतीय गेंदबाज। लोकेश के साथ ओपनिंग पर रोहित की जगह इशान को उतारा जो 4 रन बनाकर आउट हो गए। तीसरे नंबर पर उतरे रोहित भी 14 रन ही बना पाए। यानी बदलाव के चक्कर में न इशान चले न रोहित। खुद कोहली चौथे क्रम पर नौ रन ही बना पाए।
नहीं चला शीर्ष क्रम
दोनों मैचों में भारत का शीर्ष क्रम नहीं चला। पाक के खिलाफ तेज गेंदबाज शाहीन ने तो न्यूजीलैंड के खिलाफ बोल्ट और साउदी ने शुरुआत में ही झटके दे दिए। पाकिस्तान के खिलाफ पावरप्ले में तीन विकेट गंवा तो न्यूजीलैंड के खिलाफ दो बैटर पवेलियन लौट चुके थे। पचास रन के अंदर चार बैटर आउट होने से टीम दबाव में आ गई।
टॉस गंवाना भी पड़ा महंगा
भारत के सभी मैच शाम को हैं जब ओस अपनी भूमिका निभा रही है। सभी चोटी की टीमों का दिन में कम से कम एक मैच है। तब पहले बल्लेबाजी करने पर ओस नहीं होती है लेकिन शाम के मैचों में टॉस गंवाने और पहले क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम की हार की संभावना बढ़ जाती है। भारत दोनों टॉस हारा।
उम्मीद अभी बाकी है
भारतीय टीम को सुपर-12 दौर में दूसरी हार मिली है। अब तीन मैच शेष हैं जिसमें अफगानिस्तान, स्कॉटलैंड और नामीबिया से भिड़ना है। सेमीफाइनल की राह मुश्किल जरूर है लेकिन उम्मीदें खत्म नहीं हुई हैं। भारत को तीन मैचों में बड़ी जीत के साथ नेट रनरेट भी सुधारनी होगी। दूसरे स्थान के लिए भारत की न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान से होड़ है।
अगर पाकिस्तान नामीबिया और स्कॉटलैंड को भी हराता है तो 10 अंकों के साथ ग्रुप में शीर्ष पर रहकर सेमीफाइनल में पहुंचेगा। ऐसे में एक स्थान के लिए तीन टीमों भारत, न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान में होड़ होगी।
अगर भारत शेष तीनों मैच जीतता है तो उसके छह अंक हो जाएंगे। ऐसे में भारत सेमीफाइनल में तब पहुंचेगा जब अफगानिस्तान की टीम न्यूजीलैंड को हरा दे।
अगर भारतीय टीम अफगानिस्तान से हार जाती है तो दौड़ से बाहर हो जाएगी। तब न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान मैच की विजेता टीम ग्रुप-2 से सेमीफाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम बन जाएगी।
अगर अफगानिस्तान ने न्यूजीलैंड को हराया और भारत ने अफगानिस्तान को मात दी, तो तीनों टीमें (भारत, न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान) 6 अंकों पर होंगी। उस स्थिति में नेट रन रेट पर सब कुछ निर्भर करेगा।
रास न आया बाजार आधारित कार्यक्रम
आईसीसी की ओर से भारतीय बाजार को ध्यान में रखकर तैयार किया गया विश्व कप का कार्यक्रम टीम इंडिया को उल्टा पड़ गया। बीसीसीआई इससे वाकिफ था कि यूएई में शाम के मैचों में ओस गिरेगी। उसने मेजबान होने के बावजूद आईसीसी के समक्ष इसका विरोध नहीं जताया।
आईसीसी, प्रसारणकर्ता और बीसीसीआई की आम सहमति के बाद ही टीम इंडिया के मुकाबले प्राइम टाइम (भारतीय समयानुसार शाम 7:30 बजे) पर ओस की स्थिति को दरकिनार करते हुए रखे गए।
टॉस जीतने पर उल्टी हो सकती थी कहानी
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन रमीज राजा ने हाल ही में कहा था कि आईसीसी का 90 प्रतिशत राजस्व भारतीय बाजार से आता है। इस राशि से ही आईसीसी पाक बोर्ड की सहायता करता है।
मतलब साफ है आईसीसी ने कार्यक्रम तैयार करते वक्त प्रसारणकर्ता व विज्ञापनदाताओं के लिए भारतीय बाजार को जरूर ध्यान में रखा होगा। अगर कोहली टॉस जीत जाते तो हो सकता है कहानी दूसरी होती, किस्मत ने उनका यहां भी साथ नहीं दिया।
चयन समिति के कई फैसलों पर उठ रहे सवाल
अनफिट हार्दिक का टीम में चयन आईपीएल के हीरो चहल को बाहर बिठाना। ज्यादा आजमाए नहीं जाने के बावजूद भुवनेश्वर पर दांव खेलना। चयन समिति के कुछ ऐसे फैसले रहे जिस पर अब सवाल खड़े हो गए हैं।
वहीं सौरव गांगुली ने 1992 के ऑस्ट्रेलिया दौरे से भी सबक नहीं लिया जिसका वह हिस्सा रहे थे। विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे को टीम के लिए लाभकारी बताया था, पर विश्व कप में नतीजा यह निकला टीम पर थकान हावी हो गई और हार गई। ठीक यही यहां हुआ। आईपीएल से सीधे टीम विश्व कप में उतर गई। यह दांव उल्टा पड़ गया। बीते चार माह से टीम बायो बबल में है।
दबाव में बिखरी टीम
यही नहीं विश्व कप का माहौल बनाने के लिए टीम इंडिया का पहला मुकाबला पाकिस्तान से रखा। इस हार के बाद बने दबाव में टीम ने प्रयोग कर डाले और पूरी तरह बिखर गई। 2015 के वनडे विश्व कप में भी भारत और पाकिस्तान का पहला मैच हुआ था। यहां पाकिस्तान हारा था और सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सका था।
भारत ने काफी निराश किया। न्यूजीलैंड की टीम शानदार थी। भारत की 'बॉडी लैंग्वेज' अच्छी नहीं थी, शॉट चयन खराब था और अतीत में कुछ मौकों की तरह न्यूजीलैंड ने लगभग सुनिश्चित कर दिया है कि हम अगले चरण में जगह नहीं बना पाएंगे। भारत को इससे पीड़ा पहुंचेगी और गंभीर आत्ममंथन करने का समय है। -वीरेंद्र सहवाग
किसी भी बड़े टूर्नामेंट में आप सिर्फ एक मैच के बाद अपनी एकादश में बदलाव नहीं करते और वांछित नतीजे हासिल नहीं कर सकते। खिलाड़ियों को स्थायित्व की जरूरत होती है और मुझे हैरानी है कि ऐसा तब हुआ जब कुछ बड़े नाम फैसले कर रहे थे। टीम इंडिया को एकजुट होकर करिश्मा करने की जरूरत है। समय निकल रहा है।
-इरफान पठान
इस हार का नुकसान उठाना पड़ेगा। बल्लेबाजी करते हुए संकोच था, उनके शॉट चयन पर सवाल उठाए जा सकते हैं। न्यूजीलैंड ने शानदार गेंदबाजी की लेकिन भारत ने उनका काम आसान कर दिया। नेट रन रेट घटने के कारण सेमीफाइनल में जगह बनाने का सपना पूरा होता नजर नहीं आता।
-वीवीएस लक्ष्मण
बल्लेबाजी क्रम में बदलाव विफल
मुझे नहीं पता कि क्या यह विफलता का डर है लेकिन हमें पता है कि उन्होंने बल्लेबाजी क्रम में जो भी बदलाव किए उन्होंने काम नहीं किया। रोहित शर्मा इतने शानदार बल्लेबाज हैं और उन्हें तीसरे नंबर पर भेजा गया। तीसरे नंबर पर इतने सारे रन बनाने वाले कप्तान कोहली खुद चौथे नंबर पर उतरे। इशान किशन जैसे युवा खिलाड़ी को पारी का आगाज करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इशान मारो या मरो वाला खिलाड़ी है। बेहतर है कि उनके जैसा बैटर चौथे या पांचवें नंबर पर उतरे। -सुनील गावस्कर
यह दुर्भाग्यशाली है क्योंकि इन दोनों ही मैचों में भारत सामान्य से अधिक बेसब्र दिखा। अगर आप रन नहीं बनाओगे तो मैच में आपके लिए मौका नहीं बनेगा। 111 रन के लक्ष्य का बचाव करिश्मा होने पर ही किया जा सकता है। दोनों ही मैचों में भारत को कोई मौका नहीं मिला। इस प्रारूप में अगर आप शुरुआत में दबदबा नहीं बनाते तो मुश्किल होती है। - मदनलाल
अपने खिलाड़ियों को लेकर कड़ा रुख मत अपनाइए। हां हम उन्हें बेहतर क्रिकेट खेलने के लिए जानते हैं। इस तरह के नतीजों के बाद खिलाड़ियों को सबसे अधिक पीड़ा पहुंचती है। लेकिन मैच जीतने के लिए न्यूजीलैंड ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने सभी विभागों में शानदार प्रदर्शन किया।
- हरभजन सिंह
दूसरों के प्रदर्शन पर आगे बढ़ना अच्छा नहीं : कपिल
दिग्गज क्रिकेटर कपिल देव ने कहा है कि अगर हमें किसी ओर के प्रदर्शन पर आगे बढ़ना है तो मुझे इस तरह की स्थिति में होना पसंद नहीं है। अगर आपको सेमीफाइनल में जगह बनानी है तो अपने प्रदर्शन के आधार पर बनाओ। मुझे नहीं लगता कि अपनी उम्मीदों के लिए किसी और पर निर्भर होना अच्छा विचार है।
साथ ही कहा जब आप अच्छा करते हो तो हम सब तारीफ करते हैं। लेकिन कुछ बड़े नामों, चयनकर्ताओं को अब कड़ा रवैया अपनाना होगा, क्या बेहतर प्रदर्शन करने वाले युवा खिलाड़ियों पर विचार किया जाना चाहिए। बड़े खिलाड़ी रन नहीं बनाएंगे तो उन्हें आलोचना का सामना करना होगा। उनका मानना है कि कोहली का यह स्वीकार करना कि न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के दौरान उनकी टीम ने पर्याप्त साहस नहीं दिखाया 'काफी कमजोर बयान' है।