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Doping
पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) आने वाले समय में भारत के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक होंगे. छोटी सी उम्र में उन्होंने दुनिया में काफी नाम बना लिया है. लेकिन हाल ही में पृथ्वी शॉ ने अपने करियर के उस पल को याद किया जब उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.
डोपिंग के चलते हो गए थे बाहर
बता दें कि बीसीसीआई (BCCI) ने डोपिंग रोधी नियम के उल्लंघन के चलते शॉ (Prithvi Shaw) को जून 2019 में 8 महीने के लिए निलंबित कर दिया था. बीसीसीआई के ही मुताबिक उन्होंने तबीयत खराब होने पर कफ शिरप ले लिया था, जिसके बाद उन्हें डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया था. अब शॉ ने उस मामले के पीछे के कई राजों को खोला है.
पिता भी थे जिम्मेदार
क्रिकबज को शॉ (Prithvi Shaw) ने बताया, 'डोपिंग वाले विवाद में मैं और पापा जिम्मेदार थे. हम सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए इंदौर में थे और मेरी तबीयत खराब थी. तभी मैंने पापा को फोन लगाया कि मुझे खांसी और जुकाम है. तो उन्होंने कहा कि एक कफ सीरप ले लो. मैंने उस समय गलती ये की कि अपने फीजियो को नहीं बताया.'
शॉ के लिए था बुरा समय
शॉ (Prithvi Shaw) ने बताया कि वो समय मेरे लिए काफी कठिन था. उस वक्त के बारे में मैं शब्दों में नहीं बता सकता. मीडिया ने मेरे बारे में काफी कुछ लिख दिया था. वो समय मुझसे हैंडल नहीं हुआ था. मैं लंदन चला गया था और वहां से एक महीने कमरे से बाहर नहीं निकला था.
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