खेल
अपनी ही टीम की पाकिस्तानी खिलाड़ी ने खोली पोल, कहा- कोच और कप्तान की जी-हुजूरी बोलना होता है
Apurva Srivastav
22 May 2021 4:55 PM GMT
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पाकिस्तान क्रिकेट में अक्सर पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं.
पाकिस्तान क्रिकेट में अक्सर पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं. कई पूर्व क्रिकेटर्स ने मैनेजमेंट, कोच और कप्तान पर इस तरह के आरोप लगाए. अब पूर्व क्रिकेटर अब्दुर रहमान (Abdul Rehman) ने भी इसी तरह की बात कही है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नेशनल टीम में दो गुट हैं. एक, कोच का और दूसरा, कप्तान का. 41 साल के अब्दुर रहमान ने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं जहां पर वह कप्तान की गुड बुक्स में थे लेकिन इस बात से कोच नाराज हो गए थे. फिर इसका उलटा भी हुआ. उन्होंने आगे कहा कि कप्तान और कोच के अपने पसंदीदा खिलाड़ी थे और यह सब टीम सेलेक्शन में दिखता था.
क्रिकेट पाकिस्तान से बातचीत में अब्दुल रहमान ने कहा, 'कप्तान की जी-हुजूरी करने के फायदे और नुकसान होते थे. जब कप्तान के साथ आपके रिश्ते अच्छे होते हैं तो कोच नाराज हो जाते हैं. जो भी लोग मुखिया होते हैं उनकी पसंद-नापसंद काफी महत्व रखती थी. यदि कोच आपको पसंद करता है तब कप्तान नहीं करता. फिर कोई एक किसी को निकालने की कोशिश करता है क्योंकि या तो वह आपको पसंद नहीं करता है या फिर खिलाड़ी उसके साथ समय नहीं बिताता है.' रहमान ने पाकिस्तान के लिए कुल 61 मैच खेले.
'पाकिस्तान की टीम है, किसी कप्तान या कोच की नहीं'
उन्होंने कहा कि खिलाड़ी कुछ लोगों को नापसंद करने लगे थे. वे टीम के बजाए अपने हितों को ऊपर रखते थे. रहमान ने कहा था, 'वे लोग खिलाड़ी से नफरत करने लगते थे. वे देखते नहीं थे कि पाकिस्तान के लिए कोई खिलाड़ी कितना जरूरी है. वे प्रदर्शन नहीं देखते थे या कुछ भी नहीं करते थे. उसके सारे पुराने प्रदर्शन या करियर को भुला दिया जाता है. उसे टीम से बाहर निकालने की कोशिश होने लगती है. चाहे कोई भी हो जब तक खिलाड़ी को नहीं कर दिया जाता तब तक उस आदमी को चैन नहीं पड़ता. यह पाकिस्तान क्रिकेट या खिलाड़ियों के लिए सही नहीं है. यह पाकिस्तान की टीम , किसी कप्तान या कोच की टीम नहीं है.'
अब्दुल रहमान ने पाकिस्तान के लिए 22 टेस्ट, 31 वनडे और आठ टी20 मुकाबले खेले. उन्होंने कुल 130 इंटरनेशनल विकेट लिए. रहमान ने 2018 में संन्यास ले लिया था.
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