भारतीय हॉकी के लिए 8 मई का दिन काफी बुरा रहा. देश के दो धुरंधर हॉकी खिलाड़ी और ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट रविंदर पाल सिंह और एमके कौशिक का कोरोना वायरस के चलते निधन हो गया. रविंदर पाल ने सुबह अंतिम सांस ली तो कौशिक के निधन की खबर शाम को आई. दोनों कुछ दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे. भारत की ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य रहे कौशिक को दिल्ली के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. उनकी हालत गंभीर थी. वह 66 साल के थे. उनके परिवार में पत्नी और पुत्र हैं. कौशिक 17 अप्रैल को कोविड-19 के लिये पॉजिटिव पाया गया था. उनके पुत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''उन्हें आज सुबह वेंटीलेटर पर रखा गया लेकिन अभी उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली ''
कौशिक के साथ ही उनकी पत्नी भी संक्रमित पाई गई थीं, जिसके बाद उनका इलाज भी इसी नर्सिंग होम में चल रहा है. कौशिक का भारतीय हॉकी में बेहद खास स्थान है. वह 1980 के मॉस्को ओलंपिक की स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे. भारत का ओलिंपिक में हॉकी का ये आखिरी पदक था. इसके बाद से भारत को ओलिंपिक में कोई पदक हॉकी के जरिए नहीं मिला है. इतना ही नहीं, कौशिक भारत की सीनियर पुरुष और महिला दोनों टीमों को कोचिंग दे चुके हैं. 2002 में उनकी कोचिंग में ही भारतीय महिला टीम ने कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीता था. उन्हीं के कोच रहते हुए भारतीय पुरुष टीम ने लंबे अरसे बाद 1998 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था. उन्हें 1998 में अर्जुन पुरस्कार और 2002 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
इससे पहले 8 मई को सुबह भारत के पूर्व हॉकी प्लेयर रविंदर पाल सिंह (Ravinder Pal Singh) का भी कोरोना से निधन हो गया था. रविंदर पाल सिंह की कोरोना से जंग 2 हफ्ते से जारी थी, जिसने आखिरकार उनका जीवन लील लिया. रविंदर पाल सिंह ने शनिवार सुबह लखनऊ में अंतिम सांस ली. वो 65 साल के थे. वे भी 1980 की ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट भारतीय टीम का हिस्सा थे. कौशिक के निधन पर हॉकी इंडिया ने भी शोक व्यक्त किया है. हॉकी इंडिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, "हॉकी इंडिया ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच एम.के. कौशिक के निधन पर शोक व्यक्त करते है."