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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इंडियन हॉकी टीम को दी बधाई, 2018 से हॉकी को स्पॉन्सर कर रही सरकार, देखें वीडियो

jantaserishta.com
2 Aug 2021 7:54 AM GMT
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इंडियन हॉकी टीम को दी बधाई, 2018 से हॉकी को स्पॉन्सर कर रही सरकार, देखें वीडियो
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फाइल फोटो 

भुवनेश्वर:- तोक्यो ओलिंपिक में हॉकी की महिला-पुरुष दोनों टीमें सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं। यह एक अद्भुत लम्हा है जिसका हर कोई अपने अंदाज में जश्न मना रहा है। इस बीच एक ऐसा शख्स भी है जिसके सिर पर इस जीत का सेहरा बांधा जा रहा है। खिलाड़ियों के साथ लोग उन्हें भी बधाई दे रहे हैं। यह शख्स हैं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, जिन्होंने न सिर्फ देश के राष्ट्रीय खेल को मुफलिसी के दौर से उबारा बल्कि उसकी हौसलाअफजाई के लिए भी हर तरह से (ट्रेनिंग से लेकर स्पॉन्सरशिप तक) साथ दिया।

रविवार के मैच के बाद नवीन पटनायक का एक वीडियो भी सामने आया जिसमें वह 60 मिनटों के रोमांच बड़े धैर्य के साथ देखते रहे। फिर जैसे ही टीम जीती, हर देशवासी की तरह वह भी खड़े होकर ताली बजाकर अभिनंदन करने लगे।
हॉकी टीम को पाल-पोस रही है ओडिशा सरकार
सही मायनों में देखें तो दशकों बाद ओलिंपिक हॉकी के सेमीफाइनल में भारत का प्रवेश करना ओडिशा के लिए भी एक बड़ी जीत है। साल 2018 से राज्य सरकार न सिर्फ भारतीय हॉकी की दोनों टीमों (महिला-पुरुष) को स्पॉन्सर कर रही है बल्कि वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग, रिहैब फैसिलिटी, प्रैक्टिस पिच और टूर्नामेंट्स के जरिए उसको पाल-पोस रही है।


5 साल का करार, 150 करोड़ की डील
यह पहली बार है जब एक राज्य सरकार राष्ट्रीय खेल की नैशनल टीम को स्पॉन्सर कर रही है। आमतौर पर राज्य सरकारें किसी नैशनल टीम को स्पॉन्सर नहीं करती हैं। ओडिशा सरकार ने 2018 में हॉकी इंडिया के साथ 5 साल का करार किया और सभी नैशनल टीमें- जूनियर, सीनियर, मेंस और विमिन के लिए करीब 150 करोड़ रुपये की डील तय की। यहां अगर भारतीय हॉकी टीम को मुफलिसी से उबारने का श्रेय पटनायक सरकार को दिया जाए तो गलत नहीं होगा।
भारतीय हॉकी के नए 'सहारा' बने नवीन पटनायक
ओडिशा सरकार से पहले 1995 से सहारा इंडिया परिवार भारतीय हॉकी के साथ जुड़ा था। 2017 में कंपनी का करार 2021 तक के लिए बढ़ा दिया था लेकिन कंपनी की माली हालत खराब होने के चलते 2018 में ही यह डील टूट गई। ऐसे वक्त में नवीन पटनायक ने भारतीय हॉकी टीम का नया 'सहारा' बने थे और उसे संरक्षण दिया। ओडिशा सरकार का यह कदम काबिलेतारीफ और दूसरे राज्यों के लिए एक मिसाल भी बना। गौर करने वाली बात यह है कि ओडिशा देश के अमीर राज्यों में से नहीं है।
देश की खेल राजधानी बनी भुवनेश्वर
ओडिशा 2018 से पहले से हॉकी को प्रमोट करने के लिए जाना जाता है। इसकी शुरुआत 2013 में हुई थी जब हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) में राज्य के दो कॉर्पोरेशन ने मिलकर कलिंगा लैंसर्स की फ्रेंचाइजी ली थी। 2014 में ओडिशा ने प्रतिष्ठित हॉकी टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी को होस्ट किया। इसके बाद ओडिशा ने दो बड़े इवेंट- 2017 में हॉकी वर्ल्ड लीग और 2018 में हॉकी वर्ल्ड कप आयोजित किया। साथ ही 2023 मेंस हॉकी वर्ल्ड कप भी भुवनेश्वर और राउरकेला में आयोजित करने की तैयारी है। ऐसे में अगर भुवनेश्वर को देश की खेल राजधानी कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
हॉकी का मनोबल बढ़ाने के लिए बजट भी बढ़ाया
बजट 2021-22 में ओडिशा सरकार ने राज्य में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 400 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। न सिर्फ हॉकी बल्कि ओडिशा दूसरे खेलों जैसे फुटबॉल, एथलेटिक्स, रग्बी और टेबल टेनिस को भी प्रमोट कर रहा है।
ओडिशा ने दिए हॉकी को कई सितारे
फरवरी 2018 में हॉकी इंडिया के साथ 5 साल का करार करने पर नवीन पटनायक ने कहा था, 'ओडिशा के लोगों के लिए हॉकी खेल से बढ़कर है। यह जीवन जीने का एक तरीका है। खासकर हमारे आदिवासी क्षेत्रों में जहां बच्चे हॉकी स्टिक के साथ चलना शुरू करते हैं।'
ओडिशा ने हॉकी इंडिया को कई बेहतरीन खिलाड़ी भी दिए हैं जैसे दिलीप तिर्की, इग्नैस तिर्की और लेजारस बारला ने पूर्व में अपने बेहतरीन खेल से नाम रौशन किया। वहीं वर्तमान भारतीय टीम में ओडिशा के कई रत्न शामिल हैं। इनमें बीरेंद्र लाकड़ा, अमित रोहिदास और दीपसेन तिर्की मेंस टीम में जबकि नमिता तोप्पो महिला टीम में शामिल हैं।
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