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न्यूजीलैंड ने दिखा दिया कि एक टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफलता हासिल करने के लिये छींटाकशी का सहारा लेने की जरूरत नहीं : ग्रेग चैपल

Bharti sahu
29 Oct 2021 3:03 PM GMT
न्यूजीलैंड ने दिखा दिया कि एक टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफलता हासिल करने के लिये छींटाकशी का सहारा लेने की जरूरत नहीं :  ग्रेग चैपल
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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने कहा कि विश्व टेस्ट चैम्पियन न्यूजीलैंड ने दिखा दिया कि एक टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफलता हासिल करने के लिये छींटाकशी का सहारा लेने की जरूरत नहीं है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने कहा कि विश्व टेस्ट चैम्पियन न्यूजीलैंड ने दिखा दिया कि एक टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफलता हासिल करने के लिये छींटाकशी का सहारा लेने की जरूरत नहीं है।

चैपल ने अपनी किताब 'नॉट आउट' में लिखा, ''न्यूजीलैंड जो अब टेस्ट क्रिकेट का मौजूदा विश्व चैम्पियन है, उसने साबित कर दिया कि सफलता हासिल करने के लिये आपको इसकी (छींटाकशी) की जरूरत नहीं है।''ऐज डॉट कॉम' में छपे इस किताब के अंश के अनुसार उन्होंने कहा, ''केन विलियमसन की टीम ने जिस तरह का क्रिकेट खेला है - विकेटों के बीच उनका रन जुटाने में सक्रिय रहकर बल्लेबाजी करना, तेज तर्रार क्षेत्ररक्षण और पैनी गेंदबाज जिसमें रफ्तार, उछाल, स्विंग और सीम का अच्छा समावेश हो - वह कई मायनों में वैसा ही है जैसा आस्ट्रेलिया की कई पीढ़ियों ने छींटाकशी को रणनीतिक हथियार बनाने से पहले खेला था।''
चैपल ने छींटाकशी संस्कृति के बारे में यह सब लिखा है जो आस्ट्रेलियाई क्रिकेट में एक बड़ा मुद्दा बन गयी है और जो 2018 में गेंद से छेड़छाड़ के प्रकरण के बाद काफी चर्चा में रही।चैपल ने लिखा, ''इस तरह की चीज एलेन बॉर्डर और मार्क टेलर के जमाने में यदा-कदा ही देखी जाती थी लेकिन स्टीव (स्मिथ) के समय में यह स्वीकार्य बन गयी और प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों के खिलाफ यह आम रणनीति बन गयी।''



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