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लॉरियस अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट होने वाले तीसरे भारतीय बने नीरज चोपड़ा

Bharti sahu
3 Feb 2022 8:23 AM GMT
लॉरियस अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट होने वाले तीसरे भारतीय बने नीरज चोपड़ा
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टोक्यो ओलंपिक में जेवलिन थ्रो का गोल्ड जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा को एक और बड़ा अवॉर्ड मिल सकता है

टोक्यो ओलंपिक में जेवलिन थ्रो का गोल्ड जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा को एक और बड़ा अवॉर्ड मिल सकता है. उन्हें 2022 लॉरियस वर्ल्ड ब्रेक थ्रू ऑफ द ईयर अवॉर्ड (Laureus World Breakthrough of the Year Award 2021) के लिए नॉमिनेट किया गया है. उनके अलावा दिग्गज टेनिस खिलाड़ी डेनियल मेदवेदेव, एमा राडुकानु समेत 5 और खिलाड़ी इस पुरस्कार को पाने की रेस में शामिल हैं.

दुनिया भर के 1300 खेल पत्रकारों और ब्रॉडकास्टर्स की पैनल ने अलग-अलग 7 कैटेगरी में एथलीट्स को नामांकन के लिए चुना है. इसके बाद लॉरेस विश्व खेल एकेडमी के 71 सदस्य विजेता को चुनने के लिए वोटिंग करेंगे. इस एकेडमी में ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी, वर्ल्ड चैम्पियन और खेलों में बड़ी उपलब्धियां हासिल करने वाले खिलाड़ी शामिल हैं. पिछले साल राफेल नडाल, नाओमी ओसाका, और लुईस हैमिल्टन यह पुरस्कार जीतने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल थे.
सचिन भी पुरस्कार के लिए नॉमिनेट हो चुके हैं
नीरज से पहले सिर्फ दो भारतीय खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर और रेसलर विनेश फोगाट को लॉरियस स्पोर्ट्स अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था. सचिन ने लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020 जीता था. वह मोमेंट या क्षण 2011 वर्ल्ड कप का वो खास लम्हा था, जब महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में चैम्पियन बनने के बाद साथी खिलाड़ियों ने उन्हें कंधे पर बिठाकर स्टेडियम का चक्कर लगाया था। जीता था.
नीरज ने 121 साल के सूखे को खत्म किया था
टोक्‍यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारत के 121 के सूखे को खत्‍म करते हुए भारत के स्‍टार जवेलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने देश की झोली में गोल्‍ड मेडल डाला था. उनसे पहले व्यक्तिगत ओलिंपिक गोल्ड मेडल अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में जीता था.
नीरज चोपड़ा ने फाइनल मुकाबले में 87.58 मीटर दूर भाला फेंक गोल्ड मेडल जीता. नीरज चोपड़ा ने अपने दूसरे थ्रो में ही ये दूरी तय की. नीरज चोपड़ा ने पहले थ्रो में ही 87.03 की दूरी तय कर नंबर 1 पर जगह बना ली थी. लेकिन इसके बाद उन्होंने अगले थ्रो में अपना प्रदर्शन और बेहतर किया और टोक्यो में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया


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