
क्रिकेट के खेल में मैदान पर खिलाड़ियों के बीच नोकझोंक और बहस आम बात है। स्लेजिंग को इस खेल का एक पार्ट ही कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। हालांकि, सच्चाई यह भी है कि हरकतें हद में रहें, तो ही अच्छी लगती हैं। हर खिलाड़ी की यह जिम्मेदारी है कि खेल की मर्यादा का हमेशा ख्याल रखे। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान होने के बावजूद हरमनप्रीत कौर ने बीच मैदान पर जो किया, उसने इंडियन क्रिकेट के दामन पर वो दाग लगा दिया है, जिसको धोना कतई आसान नहीं होगा। आइए आपको विस्तार से समझाते हैं कि आखिर क्यों हुईं हरमनप्रीत इतनी आगबबूला और कैसे खड़ा हो गया इतना बड़ा बखेड़ा।
कैसे पनपा विवाद?
भारत और बांग्लादेश की महिला टीम तीसरे वनडे मुकाबले में एक-दूसरे के सामने थीं। 226 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम अच्छी स्थिति में थी और जीत की तरफ कदम बढ़ा रही थी। हरमनप्रीत कौर 14 रन बनाकर क्रीज पर सेट थीं और नाहिदा अख्तर के हाथों में गेंद थी। नाहिदा के ओवर की चौथी गेंद हरमनप्रीत के पैड पर आकर लगती है और पूरी बांग्लादेश टीम एक सुर में जोरदार अपील करती है। ऑन फील्ड अंपायर हरमनप्रीत को आउट करार देते हुए अपनी उंगली ऊपर की तरफ खड़ी कर देते हैं और यहीं से शुरू होता है सारा बवाल।
हरमनप्रीत ने स्टंप पर दे मारा बल्ला
हरमनप्रीत को अंपायर का यह फैसला रास नहीं आता है। भारतीय महिला टीम की कप्तान इस कदर आगबबूला हो जाती हैं कि वह ना आव देखती है ना ताव और बल्ले को स्टंप पर दे मारती हैं। अंपायर जब हरमनप्रीत को टोकते हैं, तो वह उनको भी खरी-खोटी सुनाने लगती हैं। पवेलियन लौटते समय भी हरमनप्रीत अंपायर से बहस करती हुई कैमरे में कैद होती हैं।
मैच के बाद अंपायरिंग की आलोचना
मैच के बाद हरमनप्रीत कौर इस मैच में अंपायरिंग कर रहे अंपायर्स पर आग के गोले की तरफ फटती हैं। हरमन कहती हैं कि जिस प्रकार की अंपायरिंग मैच में हुई उससे वह काफी सरप्राइज हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब अगली बार भारतीय टीम बांग्लादेश दौरे पर आएगी, तो इस चीज को दिमाग में बैठाकर आएगी कि टीम को इस तरह की अंपायरिंग का सामना करना पड़ेगा।
