मप्र की टीम ने पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीत लिया है. बेंगलुरु में खेले गए फाइनल में टीम ने रविवार को 41 बार की चैंपियन टीम मुंबई को 6 विकेट से हराया. कप्तान आदित्य श्रीवास्तव थे. लेकिन बहुत कम लोगों को यह मालूम होगा कि मप्र से पहले होलकर की टीम 4 बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीत चुकी है.
यानी मध्य भारत का रणजी में दबदबा रहा और सीके नायडू ने बतौर कप्तान 4 बार टीम को चैंपियन बनाया. 1954-55 में दोनों टीमों का विलय हो गया. इसका नाम मध्य भारत पड़ा. 2 साल बाद मप्र बनने पर इसका नाम मप्र हो गया. मप्र की टीम 1998-99 के बाद फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी. आइए आपको टीम के इतिहास के बारे में बताते हैं:
रणजी ट्रॉफी के मुकाबले 1934-35 से शुरू हुए. राजा यशवंतराव हाेलकर द्वितीय ने होलकर की टीम बनाई और वह पहली बार 1941 में रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में उतरी. टीम की ओर से सीके नायडू और मुश्ताक अली जैसे दिग्गज खिलाड़ी खेले. टीम ने 4 बार 1945-46, 1947-48, 1950-51 और 1952-53 में टूर्नामेंट का खिताब भी जीता. टीम 6 बार रनरअप रही. दूसरी ओर मप्र की टीम 1950-51 से रणजी ट्रॉफी में उतर रही है.