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लोकेश राहुल ने कहा -कि उन्होंने कभी भी असफलताओं को खुद पर हावी नहीं होने दिया
Ritisha Jaiswal
27 July 2021 2:20 PM GMT
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प्रतिभाशाली बल्लेबाज लोकेश राहुल का मानना है कि उन्होंने कभी भी असफलताओं को खुद पर हावी नहीं होने दिया
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्रतिभाशाली बल्लेबाज लोकेश राहुल का मानना है कि उन्होंने कभी भी असफलताओं को खुद पर हावी नहीं होने दिया, बल्कि वह उनसे और मजबूत होकर उभरे और अब धैर्यपूर्वक भारत के लिए फिर से टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका मिलने का इंतजार कर रहे हैं। राहुल ने अपना आखिरी टेस्ट 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। राहुल ने कहा कि उन्होंने इस समय का इस्तेमाल अपने खेल पर ध्यान देने के लिए किया है।
अभ्यास मैच में यहां शतकीय पारी खेलने वाले राहुल ने 'बीसीसीआई डॉट टीवी' से कहा, ''जब मुझे टीम से बाहर किया गया तो मैं कोचों के पास वापस गया और उन से चर्चा करके बहुत सारे वीडियो देखें। मेरे प्रदर्शन में जहां कमी थी, मैंने उसे ठीक करने का प्रयास किया।''
उन्होंने कहा, ''जैसा कि मैंने कहा कि असफलताएं आपको मजबूत बनाती हैं। इससे आपको ध्यान देने का मौका मिलता है। यह मेरे लिए अलग नहीं है, इसलिए मैं वास्तव में मौकों की प्रतीक्षा कर रहा हूं और शांत तथा अनुशासित रहने की कोशिश कर रहा हूं।''
उन्होंने कहा, ''मैंने गलतियां की हैं और मैंने उनसे सीखा है। मैं उससे मजबूत हुआ और फिर मुझे अच्छा मौका मिला। उम्मीद है कि मैं मैदान पर उतर कर टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करूंगा।''इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए भारतीय टीम का हिस्सा राहुल ने काउंटी एकादश के खिलाफ तीन दिवसीय अभ्यास मैच में न केवल शतक बनाया, बल्कि विकेटकीपर की भूमिका भी निभाई।
उन्होंने कहा, ''सफेद जर्सी (टेस्ट मैच) में रन बनाना हमेशा अच्छा रहता है। मैंने काफी समय से टेस्ट मैच नहीं खेला था। ऐसे में यहां कुछ रन बनाना अच्छा रहा।''इस मैच में 101 रन बनाने वाले राहुल ने कहा, ''मेरे लिए धैर्य रखना और अपनी बारी का इंतजार करना महत्वपूर्ण है। मैं अपने खेल पर काम कर रहा हूं, इसलिए मैदान पर समय बिताना और कुछ रन बनाना अच्छा है।''उन्होंने कहा, ''यह (अभ्यास मैच) मेरे लिए खुद को और विकेटकीपिंग कौशल को परखने का अच्छा मौका था। मैंने हमेशा विकेटकीपिंग का लुत्फ उठाया है।''
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Ritisha Jaiswal
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