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प्लेइंग इलेवन से बाहर करने पर कुलदीप यादव ने तोड़ी चुप्पी, बताया कैसा रहा टीम मैनेजमेंट का बर्ताव

Apurva Srivastav
1 April 2021 1:32 PM GMT
प्लेइंग इलेवन से बाहर करने पर कुलदीप यादव ने तोड़ी चुप्पी, बताया कैसा रहा टीम मैनेजमेंट का बर्ताव
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युवा स्पिनर कुलदीप यादव का हालिया प्रदर्शन निराशाजनक रहा है

युवा स्पिनर कुलदीप यादव का हालिया प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान उनकी गेंदों पर काफी रन गए और वे विकेटों के लिए तरसते रहे. इस वजह से कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) की टीम इंडिया (Team India) में जगह खतरे में पड़ गई है. उनकी गेंदबाजी की काफी आलोचना भी हो रही है. लेकिन कुलदीप इससे बेपरवाह हैं. उनका कहना है कि वे आलोचना से चिंतित नहीं हैं. उनका ध्यान स्किल्स को सुधारने पर है. 26 साल के इस खिलाड़ी ने साथ ही कहा कि भारतीय टीम मैनेजमेंट ने हमेशा उनका सपोर्ट किया है. साथ ही प्लेइंग इलेवन से जब भी बाहर किया गया तब उसका कारण भी बताया. कुलदीप ने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में नाकाम रहने के बारे में बात की और बताया कि कम मैच खेलने के चलते उन्हें फायदा नहीं मिला.

इस चाइनामैन गेंदबाज को हालिया समय में कई बार प्लेइंग इलेवन से बाहर बैठाया गया है. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज के दौरान उन्हें खेलने का मौका तक नहीं मिला था जबकि कई नए चेहरों का डेब्यू हो गया था. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी पहले टेस्ट में वे बाहर बैठे रहे. उनकी जगह शाहबाज नदीम खेले थे. फिर टी20 सीरीज में वे टीम से बाहर रहे. वनडे से उनकी वापसी हुई लेकिन दो मैच के बाद आखिरी मुकाबले में कुलदीप को बेंच पर बैठा दिया गया. पहले दो मैच में उनकी काफी पिटाई भी हुई थी. उन्होंने 68 और 84 रन दिए थे. इन मैचों में उन्हें एक विकेट तक नहीं मिला था.
कुलदीप बोले- लंबे समय बाद खेलने से रिदम में नहीं था
इंग्लैंड के खिलाफ वनडे मैचों के बारे में कुलदीप ने माना कि लगातार नहीं खेलने के चलते वे सही लैंथ पर गेंद नहीं फेंक सके. उन्हें इसमें काफी दिक्कत हुई. कुलदीप ने मिड डे अखबार से कहा, 'यदि आप लगातार खेलते हैं तो आपको लैंथ का पता रहता है और तेजी से पता कर लेते हैं कि किस लैंथ पर गेंद फेंकनी है. लेकिन जब आप ब्रेक के बाद खेलते हैं तो कई बार लैंथ छोटी हो जाती है. यदि मैंने लैंथ पर मेहनत की होती तो इससे मुझे गेंदबाजी में मदद मिलती.' उन्होंने कहा,
पहला मैच काफी अहम है क्योंकि मैं काफी समय बाद खेल रहा था. उस मैच में मैं सही रिदम में नहीं था. अगर मैं लगातार खेल रहा होता तो रिदम का इश्यू नहीं होता. पहले ओवर में 13 रन देने के बाद मैंने अच्छी वापसी की थी. दूसरे मैच में मैंने बेहतर गेंदबाजी की. लेकिन वहां पिच से कोई मदद नहीं थी तो मुझे सही परिणाम नहीं मिला. सपाट पिचों पर लैंथ अहम होती है. वनडे में गेंदबाजों को कठिनाई हुई, सबने रन दिए थे.
आलोचना से चिंतित नहीं हैं कुलदीप
कुलदीप यादव ने उनकी गेंदबाजी को लेकर हो रही आलोचना के बारे में मिड डे अखबार से बातचीत में कहा,
जो भी बातें हो रही हैं उन पर मेरा ध्यान नहीं है. जरूरी यह है कि मैं अपनी काबिलियत में सुधार करूं और जितना हो सके उतना सटीक रहूं. जब आप लगातार खेलते हैं तो बल्लेबाज आपको समझ जाते हैं. अगर वे मुझे आसानी से खेल रहे हैं तो यह मेरा काम है कि मैं सुधार करूं. मेरा काम है जब भी मौका मिले तो मैं तैयार रहूं. टीम मैनेजमेंट ने मुझे हमेशा बताया कि मैं प्लेइंग इलेवन में क्यों नहीं हूं. उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है और मुझे कोई चिंता नहीं है. मैं ट्रेनिंग सेशन में कड़ी मेहनत करता हूं ताकि टीम के काम आ सकूं.


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