इंग्लैंड टीम के पूर्व टेस्ट कप्तान जो रूट ने न्यूजीलैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में चौथी पारी में शतक ठोका और टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रनों के जादुई आंकड़े को भी पार कर लिया। इंग्लैंड के लिए यह सीरीज बहुत अहम है, टेस्ट टीम की कमान बेन स्टोक्स को सौंपने और हेड के तौर पर ब्रेंडन मैक्कुलम के लिए यह पहली सीरीज है। रूट ने एशेज सीरीज में शर्मनाक हार के कुछ समय बाद ही अपने पद को छोड़ दिया था और इस मैच में मैन ऑफ द मैच बनने के बाद उन्होंने पहली बार कप्तानी छोड़ने को लेकर खुलकर बात की है।
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स्काय स्पोर्ट्स पर रूट ने कहा, 'कप्तान के पद से हटना बहुत मुश्किल फैसला था, लेकिन मैंने इसके लिए सबकुछ किया। मैंने कप्तान के तौर पर जो कुछ भी कर सकता था किया, लेकिन इसका असर मेरे बाकी जीवन पर गलत तरीके से पड़ने लगा था।'
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रूट ने आगे कहा, 'मैं कप्तानी को कार या क्रिकेट ग्राउंड पर ऐसे ही नहीं छोड़ सकता था। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए सही नहीं होता, मैं अपने क्रिकेट का आनंद लेना चाहता हूं। कप्तानी ऐसा रोल है, जिसमें आपको बहुत एनर्जी चाहिए होती है, और बेन स्टोक्स के साथ आप ऐसा देख सकते हैं।' रूट की कप्तानी में इंग्लैंड ने पिछले पांच सालों में 64 टेस्ट जीते, जिसमें से 27 जीते जबकि 26 में टीम को हार का सामना करना पड़ा। 11 टेस्ट मैच ड्रॉ पर छूटे।