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Spotrs.खेल: इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज जो रूट ने गुरुवार को श्रीलंका के खिलाफ शतकीय पारी खेली। यह उनके टेस्ट करियर का 33वां शतक था। इस पारी को उन्होंने अपने मेंटॉर और दोस्त ग्राहम थोर्पे को समर्पित किया जिनका कुछ समय पहले निधन हो गया था। रूट इस मौके पर थोर्पे को याद करके भावुक हो गए।
रूट के लिए अहम हैं थोर्प
रूट ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें थोर्पे का साथ मिला। उन्होंने कहा, ‘मैं खुद को काफी लकी मानता हूं क्योंकि मैंने काफी अच्छे लोगों के साथ काम किया, फिर चाहे बात सीनियर प्लेयर्स, कोच, मेंटर की हो, थोर्पे उनमें से एक है, जिनसे मैंने काफी कुछ सीखा। ग्राहम थॉर्प अगर मेरी जिंदगी में नहीं होते तो मैं भी आज यहां नहीं होता। वह एक ऐसे शख्स थे रहे, जिसे मैं बहुत याद करूंगा। उन्होंने मेरे खेल में, मेरे करियर में बहुत कुछ किया और उनकी मदद के बिना मैं निश्चित रूप से यहां नहीं होता।’
थोर्प ने दिया जो रूट को मौका
रूट ने आगे कहा, ‘मैं पहली जब थोर्प से मिला तब मैं स्टैमफोर्ड ब्रेज के लिए सेकंड टीम गेम खेल रहा था। अगले साल मैं काउंटी चैंपियनशिप टीम में आया। उस थोर्प इंग्लैंड लायंस से जुड़े हुए थे। मैंने उस समय तक फर्स्ट क्लास में कोई शतक नहीं लगाया था। इसके बावजूद उन्होंने मुझे मौका दिया। उनके कारण मैंने श्रीलंका के खिलाफ मैच खेला।’
थोर्प ने रूट का खेल सुधारा
रूट में बताया थोर्प के कारण वह स्पिन के खिलाफ बेहतर हुए। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने मुझ में कुछ देखा। उन्होंने उस साल सर्दियों में मेरे साथ ट्रेनिंग की। उन्होंने स्पिन के खिलाफ जमकर काम किया। उनकी वजह से मैं स्पिन खेलना सीखा, स्वीप लगाना सीखा, गेंद के पास आकर खेलना सीखा।’
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Rajesh
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