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एक बार फिर इस खिलाड़ी की किस्मत खुल गई. श्रीलंका के खिलाफ 4 मार्च से शुरू हो रही 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में इस खिलाड़ी को मौका दिया गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक समय ऐसा था जब टीम इंडिया में एक खिलाड़ी उसकी सबसे मजबूत कड़ी माना जाता था, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के बाद ऐसा टर्निंग प्वाइंट आया जिससे इस खिलाड़ी के करियर की उल्टी गिनती शुरू हो गई. महेंद्र सिंह धोनी के बाद जब विराट कोहली कप्तान बने तो इस खिलाड़ी को टीम इंडिया में बेहद कम मौके दिए गए. इस खिलाड़ी का आधा करियर बेंच पर बैठकर ही बर्बाद हो रहा था, लेकिन अब रोहित शर्मा के कप्तान बनने के बाद एक बार फिर इस खिलाड़ी की किस्मत खुल गई. श्रीलंका के खिलाफ 4 मार्च से शुरू हो रही 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में इस खिलाड़ी को मौका दिया गया है.
इस विवाद ने मचाया हंगामा
बता दें कि कुलदीप यादव वही खिलाड़ी हैं, जिनकी वजह से कभी कोहली और अनिल कुंबले के बीच झगड़े की शुरुआत हुई थी. 2017 मार्च में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर कप्तान कोहली और पूर्व कोच कुंबले के बीच अनबन हुई थी. दरअसल, सीरीज के तीसरे टेस्ट में कुंबले चाहते थे कि कुलदीप यादव को टीम में शामिल किया जाए, लेकिन कोहली ने इससे साफ इंकार कर दिया. यह विवाद धर्मशाला टेस्ट के दौरान हुआ था. धर्मशाला टेस्ट में विराट कोहली चोट के कारण इस मैच का हिस्सा नहीं थे और अजिंक्य रहाणे टीम के कप्तान थे.
इस मैच में चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को मौका दिया गया था. कोहली इसके खिलाफ थे, वे अमित मिश्रा को खिलाना चाहते थे. यह फैसला विराट को बिना बताए लिया गया था. इसके अलावा बताया जाता है कि विराट कोहली पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को ग्रेड-ए में शामिल किए जाने से भी खफा थे. माना जाता है कि कुलदीप यादव को लेकर इसी विवाद के चलते ही कोहली उन्हें अपनी टीम की प्लेइंग इलेवन में शामिल करने से कतराते थे.
इस खिलाड़ी जैसी वैरिएशन में बॉलिंग करना मुश्किल
कुलदीप यादव में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. वो एक खास तरह की गेंदबाजी करना जानते हैं जिसे 'चाइनामैन बॉलिंग' कहा जाता है. ये बेहद अनोखी बॉलिंग स्टाइल है, इसमें बाएं हाथ का स्पिनर गेंद को उंगलियों की बजाय कलाई से स्पिन कराता है. महेंद्र सिंह धोनी जब भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेलते थे, तो कुलदीप यादव को सबसे ज्यादा फायदा होता था, लेकिन धोनी के संन्यास लेते ही कुलदीप यादव का करियर अंधेरे में जा रहा था, लेकिन अब रोहित शर्मा के कप्तान बनने के बाद एक बार फिर कुलदीप यादव को अच्छा मौका मिला है.
अब रोहित ने फिर दिया मौका
जब विराट कोहली टीम इंडिया के कप्तान और रवि शास्त्री हेड कोच थे, तो कुलदीप यादव का करियर लगभग खत्म हो गया था. लेकिन अब विराट कोहली किसी भी फॉर्मेट में कप्तान नहीं है, ऐसे में नए कप्तान रोहित शर्मा ने बड़ा पैंतरा खेलते हुए टीम इंडिया में कुलदीप यादव जैसे घातक प्लेयर की एंट्री कराई है. श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए कप्तान रोहित शर्मा ने कुलदीप यादव की एंट्री कराई है.
रोहित ने क्यों करवाई इस प्लेयर की वापसी?
रोहित शर्मा हर खिलाड़ी को मौका देने के लिए जाने जाते हैं और उनकी किताब में यूज एन्ड थ्रो जैसा कोई शब्द नहीं है. रोहित शर्मा ने एक बार फिर कुलदीप यादव पर भरोसा दिखाया है और दोबारा टीम इंडिया में एंट्री कराई है. विराट कोहली की कप्तानी में अश्विन, जडेजा, चहल और सुंदर को ही ज्यादा से ज्यादा मौके मिलते थे, लेकिन अब रोहित शर्मा ने कुलदीप यादव के लिए वापसी का दरवाजा खोल दिया है.
बेहद शानदार है करियर
कुलदीप यादव ने भारत के लिए 24 टी20 मैचों में 41 विकेट लिये हैं. उन्होंने 45 आईपीएल मुकाबले भी खेले हैं जिनमें उनके 40 विकेट हैं. कुलदीप का वनडे करियर भी शानदार रहा है. उन्होंने 66 वनडे में 109 विकेट झटके हैं. ये आंकड़े कुलदीप यादव की प्रतिभा का आकलन करने के लिये पर्याप्त हैं. टी20 फॉर्मेट में उनका इकनॉमी रेट भी 8 से कम है. कुलदीप यादव ने भारत के लिए 7 टेस्ट मैचों में 26 विकेट झटके हैं. कुलदीप के नाम ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में 5 विकेट हॉल लेने का भी रिकॉर्ड है. ऐसा कारनामा आज तक अश्विन ने भी विदेश में नहीं किया.
धोनी की सलाह आती थी काम
एक इंटरव्यू में कुलदीप ने बताया था कि कैसे वह मैदान के भीतर और बाहर महेंद्र सिंह धोनी की सलाह को मिस करते हैं. कुलदीप ने बताया था कि विकेट के पीछे के धोनी की सलाह उनके बहुत काम आती थी और उन्हें उसकी कमी खलती है. कुलदीप ने आगे कहा था, 'मुझे कभी उनकी सलाह की काफी कमी महसूस होती है. उनके पास काफी अनुभव था. वह विकेट के पीछे से हमें गाइड करते थे.'
रवि शास्त्री और KKR पर फोड़ा ठीकरा
टीम इंडिया के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत के दौरान कुलदीप यादव ने टीम प्रबंधन के कई बड़े राज खोले थे. कुलदीप यादव ने कहा था, 'मुझे समझ नहीं आ रहा कि टीम मुझसे क्या चाहती है. केवल दो महीने के प्रदर्शन के आधार पर अगर वर्ल्डकप टीम चयनित होगी तो खिलाड़ी के रूप में ये समझ पाना मुश्किल होता है. भारतीय टीम के खेमे में खिलाड़ियों को अक्सर बताया जाता है कि आखिर उन्हें क्यों मौका नहीं दिया जा रहा है, लेकिन यह चलन आईपीएल फ्रेंचाइजी में नहीं है.' कुलदीप यादव ने कहा कि KKR टीम मुझे लगातार नजरअंदाज कर रही थी. कुलदीप को कई आईपीएल मैचों में बाहर भी बैठना पड़ा था. कोलकाता ने उनसे ज्यादा वरुण चक्रवर्ती को वरीयता दी. कुलदीप ने कहा कि जब संवाद कमजोर हो तो इसे समझ पाना बहुत मुश्किल होता है. कई बार आपको यह पता ही नहीं होता कि आप खेल भी रहे हैं या नहीं या फिर टीम आपसे क्या चाहती है.
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