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देश का नाम रोशन करना चाहता है इंदौरी मिल्खा, नहीं मिल रहा वीजा को लेकर सरकार से लगाई मदद गुहार

Admin4
6 Oct 2021 12:23 PM GMT
देश का नाम रोशन करना चाहता है इंदौरी मिल्खा, नहीं मिल रहा वीजा को लेकर सरकार से लगाई मदद गुहार
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देश का नाम रोशन करना तो चाहते हैं, लेकिन वीजा नहीं होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कार्तिक राजनीतिक और कई लोगों से संपर्क किया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- इंदौरी: इंदौरी मिल्खा कहे जाने वाले कार्तिक जोशी 16 अक्टूबर को अमेरिका में होने वाली बैकयार्ड अल्ट्रा इंडिविजुअल वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हैं, लेकिन यूएस ने कोरोना के कारण वीजा बैन कर दिया है. जिसके कारण वह देश का नाम रोशन करना तो चाहते हैं, लेकिन वीजा नहीं होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कार्तिक राजनीतिक और कई लोगों से संपर्क किया है. खेल मंत्रालय के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पत्र लिखा है लेकिन अभी तक कार्तिक की किसी और तरफ से मदद नहीं हुई है.

बता दें कि मध्यप्रदेश के कार्तिक जोशी को लोग 'इंदौरी मिल्खा सिंह' के नाम से जाने जाते हैं. उन्होंने पिछले साल 39 घंटे में 262 किलोमीटर तक दौड़ने का रिकॉर्ड बनाया था.
दरअसल कार्तिक जोशी इंदौर का स्थाई निवासी है और अल्ट्रा रनिंग चैंपियनशिप में कई बार हिस्सा ले चुका है. अमेरिका में होने वाली बैकयार्ड अल्ट्रा इंडिविजुअल वर्ल्ड चैंपियनशिप में कार्तिक भारत से एकलौता है. जो इस रेस में हिस्सा ले रहा है, लेकिन कोरोना के चलते उसका वीजा के लिए नहीं हो पा रहा है. इसी कारण वह वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहता है, लेकिन वीजा नहीं होने के कारण उसे समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
लगातार 41 घंटे दौड़े थे
कार्तिक इससे पहले कई मर्तबा शहर का नाम रोशन कर चुका है. गुड़गांव में हुई बैकयार्ड चैंपियनशिप में पूरे देश में उसने पहला स्थान पाया था. जिसमें वह लगातार 41 घंटे दौड़ कर यह जीत हासिल की थी. असल मायनों में कार्तिक इंदौरी में मिल्खा सिंह है जो देश का अमेरिका में नाम रोशन करना चाहता है, लेकिन उसका वीजा क्लियर नहीं हो पा रहा है.
स्पोर्टस कोटे से जा सकता है
कार्तिक का कहना हैं कि यदि भारत सरकार चाहे तो स्पोर्ट्स कोटे के तहत विशेष मंजूरी से वह अमेरिका जा सकता है. लेकिन फिलहाल अभी कहीं से भी उसे मदद नहीं मिल पा रही है. जिसके कारण वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का इकलौता प्रतिनिधित्व करने वाला कार्तिक इस समस्या से जूझ रहा है. वह कई लोगों से मदद मांग रहा है, अमेरिका में हो रही चैंपियनशिप में भाग ले सकें और जीत कर भारत का नाम रोशन कर सकें.
इंदौर के मिल्खा सिंह' जीत चुके हैं कई मेडल्स, लेकिन आर्थिक तंगी ने तोड़ी कमर
कार्तिक जोशी जो 19 राज्यों में छोड़ चुका अपनी छाप
इंदौर के कार्तिक जोशी जो चेहरे पर हल्की मुसकुराहट लिए हवा की गति से धरती पर फर्राटे भरते हैं. कार्तिक 19 साल की उम्र में हिंदुस्तान के 19 राज्यों की धरती पर अपने कदमों की छाप छोड़ चुके हैं. रेगिस्तान की गर्मी से लेकर उत्तराखंड की बर्फबारी तक में दौड़ लगाकर कार्तिक जोशी ने रिकॉर्ड बना चुका है.


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