खेल
भारतीय हॉकी टीमों ने ओलंपिक में शानदार खेल दिखाया, भड़के खेल मंत्री, कही ये बात..
Shiddhant Shriwas
10 Oct 2021 6:59 AM GMT
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हॉकी इंडिया (Hockey India) ने कॉमनवेल्थ गेम्स में टीमों को न भेजने का फैसला किया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय हॉकी टीमों के कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) से हट जाने के फैसले से देश के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) नाराज हैं. भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) ने आधिकारिक तौर पर 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स से कोविड-19 का हवाला देते हुए अपना नाम वापस लेने का फैसला किया है. हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानंद्रो निंगोमबम ने सोमवार को भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) को अपने फैसले की जानकारी दी थी. हालांकि खेल मंत्री का मानना है कि हॉकी इंडिया अकेले यह फैसला नहीं कर सकती कि टीमें कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं जाएगी.
उन्होंने कहा, 'फेडरेशन को इस तरह के बयान देने से पहले सोचना चाहिए. उन्हें पहले सरकार से बात करनी चाहिए. फेडरेशन की टीम कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं जाती भारत की टीम जाती है. 130 करोड़ की जनसंख्या के देश में केवल 18 खिलाड़ी ही नहीं है जो देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. मुझे लगता है कि हॉकी इंडिया को पहले खेल मंत्रालय से बात करनी चाहिए.'
अनुराग ठाकुर ने जाहिर की नाराजगी
अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने क्रिकेट से हॉकी की तुलना करते हुए कहा कि देश में हॉकी खिलाड़ियों की कमी नहीं है और खिलाड़ी दोनों टूर्नामेंट में हिस्सा ले सकते हैं. इस बारे में आगे बात करते हुए उन्होंने कहा, 'हमारा देश बहुत बड़ा है. हमारे पास 18 खिलाड़ी नहीं है. देश में हॉकी की प्रतिभाओं की कमी नहीं है. अगर आप क्रिकेट को देखें तो अभी खिलाड़ी आईपीएल खेल रहे हैं फिर वह वर्ल्ड कप खेलेंगे. अगर क्रिकेट में यह हो सकता है तो बाकी खेलों में क्यों नहीं. मैं समझता हूं कि एशियन गेम्स को अहमियत दी जानी चाहिए, मैं बस यह कह रहा हूं कि भारत के खेलने और न खेलने का फैसला मंत्रालय करेगा.'
हॉकी इंडिया नहीं लेना चाहती जोखिम
हॉकी इंडिया ने कॉमनवेल्थ गेम्स से नाम वापस लेते हुए कहा था कि बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (28 जुलाई से आठ अगस्त) और हांग्झू एशियाई खेलों (10 से 25 सितंबर) के बीच सिर्फ 32 दिन का अंतर है और वे अपने खिलाड़ियों को ब्रिटेन भेजकर जोखिम नहीं उठाना चाहता जो कोरोनावायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल रहा है. वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन ने हाल में भारत के कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्रों को मान्यता देने से इनकार कर दिया था और देश से आने वाले यात्रियों के पूर्ण टीकाकरण के बावजूद उनके लिए 10 दिन का कड़ा क्वारंटीन अनिवार्य किया है. हॉकी इंडिया इस वजह से भी टीम को वहां नहीं भेजना चाहता.
Shiddhant Shriwas
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