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भारतीय मुक्केबाज शिवा थापा ने एएसबीसी एशियाई एलीट मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2022 के फाइनल में रविवार को चोटग्रस्त होने के बाद रजत पदक से संतोष किया। थापा का सामना पुरुषों के 63.5 किग्रा लाइट वेल्टरवेट फाइनल में उज्बेकिस्तान के अब्दुल्लाएव से था, लेकिन बाउट के दूसरे दौर के शुरुआती क्षणों में थापा के घुटने पर चोट लगने के कारण रेफरी ने मुकाबला रोक दिया।
तीसरी सीड थापा तेज-तर्रार शुरुआती दौर में 0-5 से हार गए थे और चोट लगने के समय बाउट में पीछे चल रहे थे। थापा ने दूसरे राउंड में कुछ मुक्के जमाए लेकिन कुछ देर बाद कैनवास पर गिर गए। रेफरी द्वारा गिनती किए जाने पर वह बिना किसी सहायता के उठने में सफल रहे लेकिन इस दौरान वह दर्द से कराहते रहे।
डॉक्टर ने थापा का परीक्षण किया, जिसके बाद थापा लड़खड़ाते हुए रिंग से बाहर चले गए और रेफरी ने उज्बेक मुक्केबाज को विजेता घोषित कर दिया। रजत पदक जीतने वाले थापा चैंपियनशिप के 2022 संस्करण में भारत के सबसे सफल पुरुष मुक्केबाज हैं, जबकि इससे पहले गोविंद (48 किग्रा), सुमित (75 किग्रा), नरेंदर (92प्लस किग्रा) और मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 किग्रा) कांस्य पदक जीत चुके हैं।
थापा इस जीत के साथ एशियाई चैंपियनशिप के भी सबसे सफल मुक्केबाज बन गए हैं। वह इस प्रतियोगिता में एक स्वर्ण (2013), तीन रजत (2017, 2021, 2022) और दो कांस्य पदक (2015, 2019) जीत चुके हैं। थापा ने इस चांदी के तमगे के साथ ओलंपिक मेडलिस्ट और दो बार के विश्व मेडलिस्ट, कजाकस्तान के वासिली लेविट को पीछे छोड़ दिया, जो पांच एशियाई चैंपियनशिप पदक जीतने वाले एकमात्र अन्य पुरुष मुक्केबाज़ थे।
छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम (सात) और एल सरिता देवी (आठ) के पास थापा की तुलना में अधिक एशियाई पदक हैं। सरिता देवी ने पांच स्वर्ण सहित अपने छह पदक लगातार वर्षों में जीते हैं। भारत ने एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2022 में अपने अभियान का समापन कुल 12 पदकों के साथ किया। पुरुषों के पांच पदकों के अलावा भारतीय महिला मुक्केबाजों ने चार स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक हासिल किये।
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