खेल
महिला एएफसी एशियाई कप में कम रैंकिंग वाले ईरान के खिलाफ जीत से अपना अभियान शुरू करने उतरेगा भारत
Ritisha Jaiswal
20 Jan 2022 9:37 AM GMT
x
फीफा विश्व कप में जगह बनाने के लक्ष्य के साथ मेजबान भारत गुरुवार को महिला एएफसी एशियाई कप फुटबॉल के अपने पहले मुकाबले में कम रैंकिंग वाले ईरान के खिलाफ जीत से अपना अभियान शुरू करने उतरेगा।
फीफा विश्व कप में जगह बनाने के लक्ष्य के साथ मेजबान भारत गुरुवार को महिला एएफसी एशियाई कप फुटबॉल के अपने पहले मुकाबले में कम रैंकिंग वाले ईरान के खिलाफ जीत से अपना अभियान शुरू करने उतरेगा। भारत 1979 के बाद पहली बार इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है।
वह 12 टीमों की इस प्रतियोगिता में कम से कम क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने और विश्व कप में जगह बनाने की अपनी उम्मीदों को मजबूत करने के उद्देश्य से मैदान पर उतरेगा। ईरान के खिलाफ जीत से भारत का ग्रुप ए में तीसरा स्थान सुनिश्चित हो जाएगा। प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष दो टीमों के अलावा तीनों ग्रुप में तीसरे स्थान की दो टीमें भी अंतिम-8 में जगह बनाएंगी।
ईरान (70) इस ग्रुप में सबसे निचली रैंकिंग वाली टीम है। भारत रैंकिंग में 55वें स्थान पर है। भारतीय टीम ने कोविड-19 के बावजूद पिछले साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ मैच खेले। इनमें ब्राजील का दौरा भी शामिल है। इससे थॉमस डेनेरबी की कोचिंग वाली टीम अच्छे अभ्यास के साथ मैदान पर उतरेगी। उसे हालांकि स्टार स्ट्राइकर बाला देवी की कमी खलेगी जो चोट से उबर रही हैं।भारत के लिए अनुभवी अदिति चौहान गोलकीपर की जिम्मेदारी संभाल सकती है जबकि कप्तान आशालता देवी पर रक्षापंक्ति का जिम्मा होगा। दूसरी तरफ ईरान ने पिछले छह महीनों में कोई मैच नहीं खेला है। वह पहली बार एशियाई कप में भाग ले रहा है। इससे पहले टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में चीन का सामना चीनी ताइपै से होगा।
सेमीफाइनल में पहुंचने पर विश्व कप का टिकट
सेमीफाइनल में पहुंचने वाली सभी टीमों को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में अगले साल होने वाले फीफा विश्व कप के लिए सीधे प्रवेश मिलेगा। यदि ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में पहुंचता है तो क्वार्टर फाइनल में हारने वाली दो अन्य टीमों को विश्व कप में जगह बनाने का मौका मिलेगा।
इसका मतलब है कि क्वार्टर फाइनल में हारने वाली टीम भी यदि दो और चार फरवरी को होने वाले प्लेऑफ में जीत दर्ज लेती है तो वह भी सीधे विश्व कप के लिए क्वालिफाई कर सकती है। हारने वाली दो टीमें अंतरमहाद्वीपीय प्लेऑफ में भाग लेंगी। भारतीय कोच थॉमस डेनेरबी ने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य क्वार्टर फाइनल पहुंचना है। हमारे पास इसका अच्छा मौका है। उसके बाद कुछ भी हो सकता है। ईरान का रक्षण मजबूत है और हमारे लिए गोल करना चुनौती होगी। यह आसान मैच नहीं होगा।
आंकड़ों की जुबानी
19 साल बाद भारतीय टीम इसमें खेेलेंगी। पिछली बार 2003 में थाईलैंड में हुए टूर्नामेंट में चुनौती पेश की थी और तीन में से दो मैच हारकर शुरुआती दौर में ही बाहर हो गई थी
02 बार इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है भारत। इससे पहले 1979 में केरल में इसका आयोजन हुआ था
3 शहरों (मुुुंबई, नवी मुंबई, पुणे) में खेले जाएंगे मुकाबले
12 टीमों को तीन ग्रुपों में बांटा गया है
18 दिन में खेलें जाएंगे 25 मुकाबले
06 फरवरी को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेला जाएगा फाइनल
5.5 किग्रा चांदी की चमचमाती ट्रॉफी मिलेगी विजेता टीम को
विजेता टीम को स्टर्लिंग सिल्वर (चांदी) के हॉलमार्क की 5.5 किलोग्राम की चमचमाती ट्रॉफी दी जाएगी। ट्रॉफी लंदन के विश्व विख्यात चांदी के सुनार (सिल्वरस्मिथ) थॉमस लिटे ने बनाई है। ट्रॉफी आधुनिक डिजाइन की है जिसमें कुछ ऐसे तत्व हैं जो प्रतिस्पर्धा के लंबे इतिहास का सम्मान करते हैं। हैंडल को छह मजबूत चांदी की छड़ों से बनाया गया है, जो उन छह प्रतिभागी टीमों को दर्शाता है जो 1975 में पहले टूर्नामेंट में खेली थीं।
दो बार उपविजेता रही भारतीय टीम
भारतीय टीम ने पहली बार 1979 में अपनी मेजबानी में हुए टूर्नामेंट में इसमें शिकस्त की थी। टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दो बार उपविजेता रहना है। भारतीय टीम 1979 और 1983 उपविजेता और 1981 में तीसरे नंबर पर रही थी। चीन ने रिकॉर्ड 08 बार और तीन-तीन बार चीनी ताइपे और दक्षिण कोरिया ने यह ट्रॉफी जीती है। जापान पिछले दो बार का चैंपियन है।
पहली बार 12 टीमें
टूर्नामेंट में पहली बार 12 टीमें खेलेंगी। वर्ष 2008 से आठ-आठ टीमें खेल रही थीं। 2006 में नौ टीमों ने शिरकत की थी। फिलीपींस में 1999 में हुए टूर्नामेंट में रिकॉर्ड 15 टीमों ने चुनौती पेश की थी। इसी तरह 2001 व 2003 में 14-14 तो 1995 व 97 में 11-11 टीमों ने भाग लिया था।
Ritisha Jaiswal
Next Story