खेल

INDIA vs PAKISTAN: भारत-पाक मुकाबले के 6 बड़े विवाद, मियांदाद के मेढक बनने से लेकर गंभीर-कामरान, जानें

Shiddhant Shriwas
20 Oct 2021 3:09 AM GMT
INDIA vs PAKISTAN: भारत-पाक मुकाबले के 6 बड़े विवाद,  मियांदाद के मेढक बनने से लेकर गंभीर-कामरान, जानें
x
टी-20 विश्व कप में भारत अपने अभियान की शुरुआत 24 अक्तूबर को पाकिस्तान के खिलाफ करेगा

टी-20 विश्व कप में भारत अपने अभियान की शुरुआत 24 अक्तूबर को पाकिस्तान के खिलाफ करेगा। इस मुकाबले का फैंस को बेसब्री से इंतजार है। भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला मुकाबला सिर्फ एक मैच नहीं बल्कि इमोशन है, जो दोनों देशों के क्रिकेट प्रेमियों के अंदर होता है।

ऐसे में दोनों टीमें जब मैदान पर भिड़ती हैं, तो हर हाल में जीत हासिल करना चाहती है। इसी कड़ी में कभी-कभी खिलाड़ियों के बीच गहमागहमी भी देखने को मिल जाती है। खिलाड़ी आपस में भिड़ जाते हैं और यह क्रिकेट का हिस्सा होता है।

वहीं, ये मैच अगर विश्व कप का हो तो तनाव और ज्यादा हो जाता है। तब दोनों तरफ से जबरदस्त मुकाबले देखने को मिलते हैं। इतना ही नहीं क्रिकेट के मैदान और उससे बाहर भी कई बार ऐसे मामले हुए हैं जब खिलाड़ियों में आपस में ही नोंक-झोंक हो गई है।

हालांकि, ये सभी मामले वनडे विश्व कप या वनडे मैचों के हैं, क्योंकि पहले टी-20 नहीं हुआ करता था। ऐसे में आईए जानते हैं भारत-पाक खिलाड़ियों के बीच हुए छह बड़े विवादों के बारे में।

1978: पहली बार भारत ने बीच में ही छोड़ा मैच

यह घटना तीन नवंबर 1978 की है। उन दिनों दो बाउंसर को लेकर वाइड का नियम भी उतना सख्त नहीं था। जफर अली स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच वनडे सीरीज का आखिरी और निर्णायक मैच खेला गया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने सात विकेट खोकर 205 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम ने 37 ओवर्स में दो विके गंवाकर 183 रन बना लिए थे। इसके बाद पाकिस्तानी कप्तान ने 38वें ओवर में सरफराज नवाज को गेंद थमाई।

नवाज ने उस ओवर में अंशुमन गायकवाड़ को लगातार चार बांउसर गेंदें फेंकी। हालांकि, अंपायर ने एक भी बॉल को वाइड करार नहीं दिया। इससे खीजकर भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने अपने बल्लेबाजों को ड्रेसिंग रूम में बुला लिया और मैच पाकिस्तान को सौंप दिया। वनडे में यह पहला मौका था, जब किसी कप्तान ने बेईमानी करने वाली विरोधी टीम को गुस्से में जीत दे दिया था।

1992 विश्व कप: जपिंग जैक मियांदाद

ऑस्ट्रेलिया में 1992 के विश्व कप में जावेद मियांदाद बल्लेबाजी कर रहे थे। भारत ने पाकिस्तान को 217 रनों का लक्ष्य दिया था और जवाब में पाकिस्तान ने दो विकेट गंवा दिए थे। सचिन तेंदुलकर के एक ओवर में भारतीय विकेटकीपर किरन मोरे साथियों की हौसलाअफजाई के लिए विकेट के पीछे से बार-बार अपील कर रहे थे, जिससे मियांदाद को गुस्सा आ गया।

बीच ओवर में दोनों के बीच इसको लेकर नोकझोंक भी हुई। मियांदाद ने अंपायर से जाकर शिकायत भी की। अगली गेंद पर जब मियांदाद दो रन दौड़कर पूरे कर रहे थे तो किरन मोरे ने उनके खिलाफ रनआउट की अपील की। इस पर जावेद इतना चिढ़ गए कि क्रीज पर उछलने लगे। इस घटना का दर्शकों ने काफी लुत्फ उठाया था। अंत में भारत ने यह मुकाबला 43 रनों से जीत लिया था।

1996 विश्व कप: वेंकटेश ने सोहेल को पवेलियन भेजा

बात 1996 विश्व कप के क्वार्टरफाइनल की है। पाकिस्तान 287 के लक्ष्य का पीछा कर रहा था। पाकिस्तान के बल्लेबाज आमिर सोहेल ने वेंकटेश की गेंद पर चौका मारा और वेंकटेश की ओर देखते हुए उंगली से इशारा किया। शायद यह चुनौती दे रहे थे कि तुम अगली गेंद फेंको, मैं फिर चौका मारूंगा।

वेंकटेश भी ताव में थे। अगली गेंद पर वह ओवर द विकेट गेंदबाजी करने की जगह राउंड द विकेट आए और अगली गेंद पर सोहेल को क्लीन बोल्ड कर दिया। उसके बाद सोहेल को उन्हीं के अंदाज में उंगली दिखाते हुए पवेलियन लौटने का इशारा किया। इस घटना को शायद ही किसी फैन ने भूला होगा।

2003 विश्व कप: छुरी-कांटा लेकर यूसुफ से भिड़े भज्जी

2003 विश्व कप का सेंचुरियन मैच हमेशा सचिन तेंदुलकर की 98 रन की पारी और पाकिस्तान पर भारत की जीत के लिए याद किया जाता है। मगर इसी मैच के दौरान हरभजन सिंह (भज्जी) और मोहम्मद यूसुफ के बीच शुरू हुआ एक मजाक मारपीट की नौबत तक जा पहुंचा था।

भज्जी ने उस दिन के बारे में बात करते हुए कहा कि, 'लंच के समय मैं एक टेबल पर बैठा था और यूसुफ-शोएब अख्तर दूसरे टेबल पर बैठे थे। हम दोनों पंजाबी बोलते हैं और एक दूसरे की खिंचाई कर रहे थे, तब अचानक उसने निजी टिप्पणी कर दी और फिर मेरे धर्म के बारे में कुछ बोला।'

हरभजन ने हंसते हुए कहा, 'फिर मैंने भी तुरंत ऐसा ही करारा जवाब दिया। इससे पहले कि कोई समझ पाता, हम दोनों के हाथ में 'छुरी-कांटे' थे और हम अपनी कुर्सी से उठकर एक दूसरे पर वार करने के लिए तैयार थे, लेकिन जब यह घटना हुई थी तब यह इतनी हास्यास्पद नहीं लग रही थी।

Next Story