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कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत को पहला गोल्ड मेडल हासिल हुआ है. मीराबाई चनू ने वूमेन्स वेटलिफ्टिंग के 49 किलो भारवर्ग में भारत के लिए यह मेडल जीता. टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चनू ने स्नैच में 88 किलो का वजन उठाया. वहीं क्लीन एंड जर्क में मीराबाई ने
मीराबाई चनू ने गोल्डकोस्ट में हुए 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था. साथ ही मीराबाई 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी मीराबाई ने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया था. अब बर्मिंघम गेम्स में मीराबाई चनू ने शानदार प्रदर्शन कर वेटलिफ्टिंग के खेल को नई दिशा प्रदान की है.
♦ मीराबाई चनू क्लीन एंड जर्क के अपने पहले प्रयास में 109 किलो का वजन उठाने में कामयाब रहीं.
♦ मीराबाई चनू स्नैच के अपने तीसरे प्रयास में 90 किलो का वजन नहीं उठा सकीं. यानी कि स्नैच में मीराबाई का बेस्ट प्रयास 88 किलो रहा, जो कि गेम्स रिकॉर्ड है. चानू के बाद स्नैच में मैरी हनीत्रा रोइल्या दूसरे नंबर पर रही. मैरी ने 76 किलों का भार सफलतापूर्वक उठाने में कामयाब रहीं.
♦ मीराबाई चनू ने स्नैच में अपने पहले प्रयास में 84 किलो का वजन उठाया है. इसके बाद स्नैच के दूसरे प्रयास में भी उन्होंने 88 किलो का भार सफलता पूर्वक उठाया है.
मीराबाई की उपलब्धियां:
1. टोक्यो ओलंपिक में जीता सिल्वर मेडल. कर्णम मल्लेश्वरी के बाद ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाली दूसरी भारतीय वेटलिफ्टर
2. 2020 के एशियन चैम्पियनशिप में जीता ब्रॉन्ज मेडल
3.2018 के गोल्ड कोस्ट में जीता स्वर्ण पदक
4.2017 के वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल
5. ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल
ओलंपिक में लहराया परचम
मीराबाई के करियर का सबसे ऐतिहासिक लम्हा तब सामने आया था, जब उन्होंने 49 किलो भारवर्ग में भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता. इसके साथ ही मीराबाई ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय वेटलिफ्टर बन गई थीं. उस ओलंपिक में स्नैच के बाद मीराबाई चानू दूसरे नंबर पर थीं. इसके बाद क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में मीराबाई चानू 110 और दूसरे प्रयास में 115 किग्रा वजन उठाने में कामयाब रही थीं. हालांकि मीराबाई चानू का तीसरा प्रयास नाकामयाब रहा था.
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