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Business व्यवसाय: कोटा सुधार आंदोलन के कारण 30 दिनों के लंबे बंद के बाद कुछ दिन पहले बांग्लादेश में ट्रेनें चलनी शुरू हुईं हैं. हालांकि, अंतर-देशीय ट्रेन सेवाएं अभी शुरू नहीं हुई हैं. इस कारण दोनों देशों के बीच माल का आयात-निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. यात्री भी इस स्थिति से काफी परेशान हैं. बांग्लादेश के ढाका से मिली खबरों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय ट्रेन सेवाएं तो शुरू हो गई हैं, लेकिन भारत के साथ चलने वाली ट्रेनें अभी भी बंद हैं. बांग्लादेश रेलवे ने भारत से इसको लेकर कई बार संपर्क किया है, लेकिन अभी तक इसपर कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है.
बांग्लादेश के मीडिया संवाददाता के मुताबिक अंतर-देशीय ट्रेनों के संचालन के संबंध में भारत के साथ संवाद करने के नियमित प्रयासों के बावजूद, उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है. जिसको लेकर बांग्लादेश रेलवे कुछ भी नहीं कह पा रहा है.
रेल सेवाएं बंद होने से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है असर
भारत से बांग्लादेश में होने वाले कुल माल के आयात का लगभग आधा हिस्सा रेल मार्ग से होता है, विशेषकर बेनापोल भूमि बंदरगाह के जरिए. रसायन, उर्वरक, सीमेंट, और कृषि उत्पाद जैसे कई महत्वपूर्ण सामान रेल से ही आते हैं. इस तरह रेल सेवाएं बंद होने से बांग्लादेश में इन वस्तुओं की किल्लत हो सकती है और इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है.
यात्री सेवाएं भी प्रभावित
भारत और बांग्लादेश के बीच चलने वाली मैत्री, बंधन और मिताली एक्सप्रेस जैसी यात्री ट्रेनें भी बंद हैं. इससे दोनों देशों के लोगों को एक-दूसरे के देश जाने में काफी परेशानी हो रही है. कई यात्रियों ने पहले से टिकट बुक करवा रखे थे, जिन्हें अब रद्द करवाना पड़ रहा है. बांग्लादेश रेलवे के महानिदेशक सरदार शहादत अली ने बांग्लादेश मीडिया संवाददाता को बताया, भारत के विदेश मंत्रालय ने अभी तक ट्रेन चलाने की अनुमति नहीं दी है.
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Rajesh
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