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चेन्नई। एशियाई खेलों में सौ से अधिक पदक जीतने के जश्न में डूबे भारतीय खेलप्रेमियों की नजरें अब अपने सबसे चहेते खेल क्रिकेट के महासमर पर टिकी होंगी जिसमें रोहित शर्मा की अगुवाई में आत्मविश्वास से ओतप्रोत भारतीय टीम रविवार (8 अक्टूबर) को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने अभियान का आगाज करेगी। पैट कमिंस की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराना आसान नहीं है।
चेपॉक पर दोनों टीमों के बीच यादगार मुकाबले खेले गए हैं चाहे वह 1986 में टाई रहा टेस्ट हो या 2001 की टेस्ट श्रृंखला का निर्णायक मैच या रिलायंस कप का करीबी मुकाबला । भारत की बल्लेबाजी जहां विश्व स्तरीय है तो आस्ट्रेलिया का तेज आक्रमण भी कुछ कम नहीं। चेन्नई की भीषण गर्मी उनके लिये हालांकि बड़ी चुनौती साबित होगी । भारत के पास ऐसा कप्तान है जो 19 नवंबर को कप थामकर भारतीय क्रिकेट के इतिहास का नया अध्याय लिखना चाहेगा।
वहीं इस पीढी के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज 35 वर्ष के विराट कोहली को सचिन तेंदुलकर से आगे निकलने के लिये तीन वनडे शतक और बनाने हैं। बारह साल पहले तेंदुलकर को कंधे पर उठाने वाले कोहली आज उसी मुकाम पर खड़े हैं । फर्क सिर्फ इतना है कि कोहली विश्व कप जीत चुके हैं। रोहित भी 2007 टी20 विश्व कप और रविचंद्रन अश्विन 2011 विश्व कप जीत चुके हैं । लेकिन इन टूर्नामेंटों में जीत के सूत्रधार दूसरे दिग्गज थे और ये खिलाड़ी सहयोगी भूमिका में थे। यह अब उनका विश्व कप है। रोहित, कोहली और अश्विन अपनी विरासत छोड़ जाना चाहते हैं । 34 वर्ष के रविंद्र जडेजा या 33 वर्ष के मोहम्मद शमी भी पीछे नहीं हैं। जसप्रीत बुमराह के लिये भी यह ‘अभी या कभी नहीं’ वाला मामला है । इनमें से अधिकांश चार साल बाद विश्व कप में नहीं दिखेंगे और अपनी फिटनेस के दम पर कोहली अगर खेल भी पाते हैं तो यह कोई नहीं जानता कि यह प्रारूप प्रासंगिक और आकर्षक रहेगा या नहीं।
भारतीय टीम विश्व कप जीतती है तो यह वनडे क्रिकेट के लिये संजीवनी का भी काम करेगा। रोहित को बतौर बल्लेबाज अपनी आक्रामकता बरकरार रखनी होगी। इसके अलावा यह तय करना होगा कि तीसरे विशेषज्ञ स्पिनर के रूप में अश्विन को कब उतारना है और किन मैदानों पर 360 डिग्री बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव उपयोगी होगे। उन्हें शार्दुल ठाकुर की हौसलाअफजाई करनी होगी जब वह महंगे साबित हो रहे होंगे । या फिर ईशान किशन को बताना होगा कि मिचेल स्टार्क जैसे गेंदबाजों से भयभीत होने की जरूरत नहीं है । चेपॉक की विकेट पर बीच के ओवरों में भारतीय स्पिनरों का प्रदर्शन निर्णायक साबित हो सकता है । चेपॉक पर भारत ने 14 वनडे में से सात जीते हैं और छह हारे हैं जबकि एक मैच रद्द हो गया था । आस्ट्रेलिया ने यहां छह में से पांच वनडे जीते हैं ।
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