x
भारतीय टीम को केपटाउन में सीरीज के तीसरे और निर्णायक टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका ने 7 विकेट से हरा दिया.
भारतीय टीम को केपटाउन में सीरीज के तीसरे और निर्णायक टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका ने 7 विकेट से हरा दिया. इसी के साथ भारत का पहली बार दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर उसे हराने का मौका भी हाथ से फिसल गया. टीम इंडिया पर कुछ गलतियां भारी पड़ीं, जिससे वह केपटाउन टेस्ट नहीं जीत पाई.
विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टेस्ट टीम इतिहास रचने से चूक गई. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसकी सरजमीं पर पहली बार टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रचने का मौका भी भारत के हाथ से निकल गया. केपटाउन में खेले गए सीरीज के तीसरे और निर्णायक टेस्ट मैच में भारत को चौथे दिन करारी हार झेलनी पड़ी. इसके साथ सीरीज भी मेजबानों ने 2-1 से जीत ली.
इस सीरीज में भारत के अनुभवी बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाए. खासतौर से टेस्ट टीम के पूर्व उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे केपटाउन टेस्ट की दोनों पारियों में 10 ही रन बना सके. चेतेश्वर पुजारा ने जरूर पहली पारी में 43 रन का योगदान दिया लेकिन दूसरी पारी में उनके बल्ले से भी केवल 9 ही रन निकले. इसके अलावा भारतीय बल्लेबाज दूसरी पारी में केवल 198 रन ही बना पाए.
भारत को अहम मैच में खराब फील्डिंग का खामियाजा भी भुगतना पड़ा. केपटाउन टेस्ट के चौथे दिन शुक्रवार को भारत के पास एक अच्छा मौका आया था. पारी का 40वां ओवर जसप्रीत बुमराह डाल रहे थे. चौथी गेंद पर कीगन पीटरसन का आसान सा कैच पहली स्लिप पर चेतेश्वर पुजारा ने टपका दिया. यह मैच का टर्निंग प्वॉइंट बना क्योंकि जब कैच छूटा तब साउथ अफ्रीका को 86 रन और बनाने थे और पीटरसन 59 रन पर थे. पीटरसन ने 82 रन बनाए और जीत में अहम योगदान दिया.
भारतीय टीम की गेंदबाजी भी खास नहीं रही. जोहानिसबर्ग में चौथी पारी में दक्षिण अफ्रीका को 200 से कम में रोकने की भारतीय गेंदबाजों के सामने चुनौती थी लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली. इसके बाद केपटाउन में भी दक्षिण अफ्रीका को 212 का लक्ष्य हासिल करने से रोकना था लेकिन चौथे ही दिन दक्षिण अफ्रीकी टीम ने 3 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया. ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन दोनों ही पारियों में कोई विकेट नहीं ले पाए. वहीं, पेसर जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में 5 विकेट लिए और मेजबान टीम को 210 पर रोकने में अहम भूमिका निभाई लेकिन दूसरी पारी में वह भी 1 ही विकेट ले पाए. उमेश यादव भी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए.
इसके अलावा प्लेइंग-XI चुनने में भी एक अनुभवी पेसर को दरकिनार किया गया. 105 टेस्ट मैचों का अनुभव रखने वाले ईशांत शर्मा को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीनों टेस्ट मैचों में मौका नहीं मिला. मोहम्मद सिराज के चोटिल होने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही थी कि ईशांत को केपटाउन में मौका दिया जाएगा लेकिन उमेश यादव को तरजीह दी गई.
Next Story