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मेलबर्न। पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर अब तक का खराब प्रदर्शन ‘बड़ी गलतियों’ से भरा हुआ है. क्लार्क को लगता है कि ऑस्ट्रेलिया ने सबसे बड़ी गलती नौ फरवरी से शुरू हुई चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला से पहले अभ्यास मैच नहीं खेलकर की.
पैट कमिंस ने इसके बजाय नागपुर में श्रृंखला के पहले मैच से पूर्व बेंगलुरू के पास एक संक्षिप्त शिविर लगाने और इससे पूर्व स्वदेश में भारतीय परिस्थितियों जैसी परिस्थितियां तैयार करके अभ्यास का विकल्प चुना था.
दो हफ्ते बाद मेहमान टीम श्रृंखला में 0-2 से पीछे है और बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने का मौका पहले ही गंवा चुकी है. क्लार्क ने सोमवार को बिग स्पोर्ट्स ब्रेकफास्ट पर कहा कि मैं जो देख रहा हूं उससे मैं हैरान नहीं हूं क्योंकि हमने अभ्यास मैच में हिस्सा नहीं लिया. बड़ी, बड़ी, बड़ी गलती. वहां कम से कम एक मैच होना चाहिए था ताकि परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाया जा सके. पहले दो टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की शीर्ष स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ कमजोरियां उजागर हुई.
नई दिल्ली में मेहमान टीम के बल्लेबाजों ने स्वीप खेलकर स्पिनरों से निपटने का प्रयास किया लेकिन यह रणनीति बुरी तरह विफल रही. क्लार्क के अनुसार इसके अलावा एक और बड़ी गलती पहले टेस्ट में ट्रेविस हेड को नहीं खिलाना थी. बाएं हाथ के बल्लेबाज हेड ऑस्ट्रेलिया के लिए दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 46 गेंद में 43 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे जबकि पूरी टीम 113 रन पर ऑल आउट हो गई. यह पहली बार था जब उन्होंने टेस्ट मैच में पारी की शुरुआत की.
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