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नयी दिल्ली। केएल राहुल का लंबे समय से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाना चिंता का विषय बना हुआ है लेकिन भारत फिर भी शुक्रवार से यहां शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में आस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रबल दावेदार के रूप में शुरूआत करेगा और कोशिश करेगा कि फिर से तीन दिन में नतीजा हासिल कर सके। यह मैच भारतीय क्रिकेट के कम सुर्खियों में रहने वाले बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा के करियर का 100वां टेस्ट होगा, जहां तक पहुंचने में उन्हें 13 साल लगे। पुजारा 20वां टेस्ट शतक जड़कर इस व्यक्तिगत उपलब्धि का जश्न मनाना चाहेंगे। लेकिन भारत के शीर्ष क्रम की चिंता बरकरार हैं। कप्तान रोहित शर्मा को छोड़ दें तो अन्य बल्लेबाज शुरूआती टेस्ट में नहीं चल सके। नागपुर में पहले टेस्ट में रोहित ने शतकीय पारी खेली। राहुल के अलावा संघर्ष करने वाले खिलाड़ियों की सूची में विराट कोहली और कुछ हद तक पुजारा भी शामिल हैं।
स्पिनरों का सामना करने में कोहली कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसलिये कोहली का फिर से नाथन लियोन और टॉड मर्फी का सामना करना दिलचस्प हो सकता है। केएल राहुल के लिए समय निकलता जा रहा है क्योंकि शुभमन गिल को बेहतरीन फॉर्म में होने के बावजूद इंतजार करना पड़ रहा है। राहुल 46 टेस्ट करियर में मिले इतने सारे मौकों का फायदा नहीं उठा सके हैं और उनका औसत भी 34 से कम का रहा है। अंतिम दो टेस्ट के लिये टीम की घोषणा से पहले अगर कर्नाटक का यह 30 वर्षीय खिलाड़ी फिर असफल रहता है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम प्रबंधन क्या फैसला करता है। रविचंद्रन अश्विन और रंिवद्र जडेजा ने नागपुर में पारी की जीत के दौरान आस्ट्रेलियाई टीम को काफी दबाव में ला दिया था लेकिन फिरोजशाह कोटला में एक और धीमी गति की टर्न लेने वाली पिच होगी या नहीं, इस पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
वहीं आस्ट्रेलियाई टीम जब तक अच्छी बल्लेबाजी नहीं करेगी तब तक इस टेस्ट को पांचवें दिन तक नहीं ले जा पायेगी। फिरोजशाह कोटला की पिच पर जब नमी सूख जायेगी तो यह पिच निर्जीव हो जायेगी। भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं थी कि हाल के दिनों में जडेजा, (अभी चोटिल) ऋषभ पंत और (फिट हो चुके) श्रेयस अय्यर की मध्यक्रम की तिकड़ी ने ज्यादातर मौकों पर टीम को संकट से बाहर निकाला है। यहां तक कि नागपुर में शुरूआती टेस्ट में भी आस्ट्रेलियाई टीम को समेटने का काम अक्षर पटेल और जडेजा की जोड़ी ने किया था। कोटला की पिच जामथा की तुलना में थोड़ी धीमी हो सकती है जिससे भारतीय बल्लेबाजों को अपने कप्तान की तरह की बल्लेबाजी का अनुकरण करना होगा जिसमें रक्षात्मक होने के साथ आक्रामकता भी हो। मैदान में एक तरफ छोटी बाउंड्री है तो आस्ट्रेलियाई कप्तान कप्तान पैट कंिमस 'ओल्ड पवेलियन' छोर से नाथन लियोन को गेंदबाजी कराने में सतर्क रहेंगे क्योंकि लेग साइड की बाउंड्री मुश्किल से 60 मीटर होगी।
बल्कि द्रविड़ ने कहा था, ''अगर अय्यर पांच दिवसीय टेस्ट का कार्यभार संभाल लेते हैं तो वह टीम में शामिल हो सकते हैं। ''अय्यर ने 30 दिन से अधिक समय तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है तो उनकी मैच फिटनेस की जांच किए बिना उन्हें सीधे टेस्ट मैच में खिलाना क्या जोखिम भरा नहीं होगा? यह सवाल थोड़ा मुश्किल है। वहीं सूर्यकुमार यादव के मामले में अय्यर की जगह शामिल करने से कहीं ज्यादा भारत उन्हें मध्य क्रम में पंत का रवैया अख्तियार करने के रूप में खिलाना चाहता है क्योंकि कोना भरत अच्छे विकेटकीपर हैं जो बल्लेबाजी भी कर सकते हैं। वहीं डेविड वॉर्नर को एक और मौका मिलेगा या नहीं, यह सवाल कायम है। वॉर्नर का खराब प्रदर्शन आस्ट्रेलिया के लिए चिंता का विषय है। क्या उन्हें एक और मौका मिलता है यह देखना होगा।
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