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स्पोर्ट्स स्टेडियम में खिलाड़ी क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल आदि खेल खेलने आते है हेमवती नंदन बहुगुणा
Ritisha Jaiswal
15 July 2022 3:54 PM GMT
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उत्तराखंड के अल्मोड़ा के हेमवती नंदन बहुगुणा स्पोर्ट्स स्टेडियम में खिलाड़ी क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल आदि खेल खेलने आते हैं,
उत्तराखंड के अल्मोड़ा के हेमवती नंदन बहुगुणा स्पोर्ट्स स्टेडियम में खिलाड़ी क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल आदि खेल खेलने आते हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से यहां बॉक्सिंग को लेकर भी बच्चे काफी उत्साहित दिख रहे हैं. नए बॉक्सिंग कोच जीवन प्रकाश ने इसी साल मार्च में जॉइन किया और तबसे लेकर अब तक उन्होंने यहां बॉक्सिंग को लेकर लोगों की राय बदल दी. अब युवा खिलाड़ी मुक्केबाजी में दिलचस्पी दिख रहे हैं. बॉक्सिंग सीखने वाले खिलाड़ियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है.
स्टेडियम में बॉक्सिंग के नए कोच जीवन प्रकाश की स्थायी नियुक्ति हुई है. पहले स्टेडियम में सिर्फ गिने-चुने बच्चे ही बॉक्सिंग सीखने के लिए आते थे, पर अब 20 से लेकर 25 बच्चे यहां बॉक्सिंग की ट्रेनिंग ले रहे हैं. स्टेडियम में बॉक्सिंग रिंग और पंचिंग बैग नहीं थे. जीवन प्रकाश ने खिलाड़ियों के लिए सबसे पहले रिंग और पंचिंग बैग की व्यवस्था करवाई. कोच जीवन प्रकाश बताते हैं कि पहले दो या तीन बच्चे आया करते थे, अब 20 से 25 बच्चे सुबह-शाम प्रैक्टिस करने के लिए आ रहे हैं. अल्मोड़ा में कई बच्चे हैं, जो बॉक्सिंग में बेहतर कर सकते हैं और अल्मोड़ा का नाम रोशन कर सकते हैं.
बच्चों को दिख रहा है सुनहरे करियर का मौका
बॉक्सिंग सीख रहे विवेक सिंह रावत बताते हैं कि अल्मोड़ा स्टेडियम में बॉक्सिंग रिंग लगाया गया है, जो सबसे बड़ा बदलाव है. जहां पहले बच्चों को एक पंचिंग बैग मिलता था, अब 8 पंचिंग बैग प्रैक्टिस करने के लिए मिल रहे हैं. नए कोच के आने से बच्चों की ट्रेनिंग काफी अच्छी हो रही है, जिससे वे आगे जाकर और अच्छा करेंगे. तन्मय जोशी बताते हैं कि कोच के आने से बच्चों में अनुशासन आया है. बच्चे सुबह और शाम टाइम से प्रैक्टिस करने के लिए पहुंचते हैं. बॉक्सिंग रिंग लगने से काफी फायदा हुआ है
गौरतलब है कि अल्मोड़ा से निकले कई खिलाड़ी शहर का नाम रोशन कर चुके हैं. भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी एकता बिष्ट और भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन अल्मोड़ा के ही रहने वाले हैं. दोनों अपने शुरुआती दिनों में अल्मोड़ा स्टेडियम में ही प्रैक्टिस करते थे
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