
होव: भारत की पहले वनडे में इंग्लैंड के खिलाफ बड़ी जीत की सूत्रधार सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने कहा कि उनकी टीम दिग्गज तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी को शानदार विदाई देना चाहती है जो तीन मैचों की इस श्रृंखला के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगी.
झूलन ने 20 साल के अपने करियर में भारत की तरफ से 12 टेस्ट (44 विकेट), 202 वनडे (253 विकेट) और 68 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच (56 विकेट) खेले हैं. पहले वनडे में 99 गेंदों पर 91 रन बनाकर भारत को सात विकेट से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली मंधाना ने मैच के बाद कहा कि मैं कहना चाहती हूं कि यह श्रृंखला झुलु दी (झूलन गोस्वामी) के नाम है. उनकी गेंदबाजी शानदार रही. इस श्रृंखला में हमारे सारे प्रयास झुलु दी के लिए होंगे.
मैंने टीम के लिए अच्छी नींव रखी:
गोस्वामी ने 10 ओवर में 20 रन देकर एक विकेट लिया. उनकी किफायती गेंदबाजी के कारण भारत ने इंग्लैंड को सात विकेट पर 227 रन पर रोक दिया था. मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुनी गई मंधाना ने स्वीकार किया कि टी20 की तुलना में वनडे में वह अधिक नैसर्गिक बल्लेबाजी करती हैं. उन्होंने कहा कि वनडे मेरे लिए अधिक नैसर्गिक है. टी20 में मुझे स्ट्राइक रेट बरकरार रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होते हैं. मुझे खुशी है कि मैंने टीम के लिए अच्छी नींव रखी.
हरमनप्रीत ने सामूहिक प्रयास के लिए टीम की सराहना की:
मंधाना ने कहा कि अगर वह नाबाद रहती तो उन्हें अधिक खुशी होती. भारत जब लक्ष्य से 30 रन पीछे था तब मंधाना आउट हो गई थी. उन्होंने कहा कि मैं खुश थी कि हरमन (हरमनप्रीत कौर) ने टॉस जीता. मैंने इंग्लैंड की पारी में पिच का आकलन किया और खुद से कहा कि बैक फुट पर कम खेलना है, लेकिन में स्वयं को बड़ी देर तक नहीं रोक पाई. भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने सामूहिक प्रयास के लिए टीम की सराहना की.
मैं पूरी टीम को जीत का श्रेय देती हूं:
हरमनप्रीत ने कहा कि हम सभी ने जज्बा दिखाया जिसकी हमने टीम बैठक में चर्चा की थी. टॉस जीतना महत्वपूर्ण रहा तथा झूलन और मेघना की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया. सभी गेंदबाजों को श्रेय जाता है. उन्होंने कहा कि स्मृति और यास्तिका (भाटिया) के बीच साझेदारी शानदार रही. हमें यह लय बरकरार रहने की उम्मीद है. मैं पूरी टीम को जीत का श्रेय देती हूं.
न्यूज़ क्रेडिट: firstindianews