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प्लंबिंग और बढ़ईगिरी करने वाले राकेश कुमार कैसे बने Paralympic पदक विजेता

Rajesh
3 Sep 2024 1:22 PM GMT
प्लंबिंग और बढ़ईगिरी करने वाले राकेश कुमार कैसे बने Paralympic पदक विजेता
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Spotrs.खेल: नितिन शर्मा। भारत के पैरा तीरंदाज राकेश कुमार ने सोमवार को शीतल देवी के साथ मिक्स्ड टीम इवेंट का ब्रॉन्ज मेडल जीता। राकेश कुमार इंडीविजुअल इवेंट में मेडल का मौका चूक गए थे। हालांकि उसकी कमी उन्होंने मिक्स्ड टीम इवेंट में पूरी की। राकेश एक समय पर प्लंबर और कारपेंटरी का काम करते थे लेकिन अब वह पैरालंपिक मेडलिस्ट हैं।
कार एक्सीडेंट ने बदली जिंदगी
राकेश कुमार अपनी रिश्तेदार से मिलने जम्मू गए थे। वहां से वापसी में एक्सीडेंट हो गया जिसके कारण उनके स्पाइनल कोर्ड में चोट लग गई थी। अमृतसर में उनकी सर्जरी हुई। परिवार ने राकेश के लिए सेकंड हैंड व्हील चेयर का इंतजाम किया। इसी की मदद से राकेश अपने दिनचर्या के काम बिना किसी मदद के करने लगे।
राकेश काम करना चाहते थे
राकेश फिर से काम करना चाहते थे। ऐसे में परिवार ने कटरा रेलवे स्टेशन के पास किराए पर एक दुकान खोल ली। राकेश यहां मोबाइल का काम करने लगा। राकेश कुमार की मां दर्शना देवी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘राकेश के साथ जो कुछ हुआ उसने उसके लिए काफी शिकायत नहीं की। हमने एक छोटी सी दुकान किराए पर ली जहां वह फोन और उसका सामना बेचकर थोड़ा बहुत पैसा कमाता था।’ साल 2016 में तीरंदाजी कोच कुलदीप वेदवान ने कहा हाइवे पर राकेश को दुकान चलाते हुए देखा। उन्होंने ही राकेश को तीरंदाजी में हाथ आजमाने को कहा। वैष्णु देवी श्राइन बोर्ड का स्पोर्ट्स
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था। यहीं से राकेश ने अभ्यास शुरू किया।
राकेश की मां ने बात जारी रखते हुए कहा, ‘शुरुआत में राकेश कुमार दुकान पर काम करने के साथ-साथ तीसरंदाजी करते थे क्योंकि उन्हें भरोसा नहीं था कि खेल की मदद से वह कमाई कर पाएंगे। हालांकि धीरे-धीरे उनकी दिलचस्पी बढ़ी और वह 12 घंटे अभ्यास करने लगे। जब वह स्कूटर पर अपनी किट लेकर टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने जाते को गांव के लोग हंसा करते थे लेकिन मेडल ने सबका मुंह बंद कर दिया।’ साल 2018 में राकेश ने चेक गणराज्य में हुए नोवे मेस्टो पैरा आर्चरी टूर्नामेंट में नौवां स्थान हासिल किया। हालांकि टीम इवेंट में वह सिल्वर जीतने में कामयाब रहे। इसी साल हुए एशियन गेम्स में भी वह सिंगल्स इवेंट में नौवे स्थान पर रहे। टोक्यो में ज्योति के साथ उनकी मिक्स्ड टीम छठे स्थान पर रही थी। हालांकि शीतल देवी के साथ बीते साल हुए एशियन गेम्स में उन्होंने मिक्स्ड टीम गोल्ड मेडल जीता था।
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