जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारत (Indian Cricket Team) ने ओवल मैदान पर खेले गए चौथे टेस्ट मैच में इंग्लैंड (England Cricket Team) को हरा दिया और इसी के साथ पांच मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली. भारत की इस जीत में जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) का अहम रोल रहा. बुमराह ने फ्लैट विकेट पर अंग्रेजों की कमर तोड़ कर रख दी. उनका छह ओवर का स्पैल इंग्लैंड के बल्लेबाजों के लिए नासूर साबित हुआ. उन्होंने छह ओवरों में छह रन दिए और ऑली पोप के साथ जॉनी बेयरस्टो का विकेट निकाल भारत की जीत के रास्ते खोल दिए. बुमराह आज भारत की टेस्ट टीम का अहम हिस्सा हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था कि जब उन्हें टेस्ट गेंदबाज के तौर पर गिना नहीं जाता बल्कि छोटे प्रारूप के लिए ही उनकी गिनती की जाती थी.
लेकिन कोलकाता की दुर्गा पूजा ने बुमराह के लिए टेस्ट के दरवाजे खोल दिए. भारत उस समय ईडन गार्डन्स स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ खेल रही थी. कोलकाता में उस समय दुर्गा पूजा का माहौल था. Economic times की वेबसाइट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय टीम प्रबंधन के कुछ सदस्यों को बंगाल क्रिकेट संघ (सीएब) के पूर्व सचिव विश्नरूप डे द्वारा आयोजित की गई दुर्गा पूजा में बुलाया गया था. टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री और गेंदबाजी कोच भरत अरूण ने एक कार में उत्तरी कोलकाता स्थित बाउबाजार का सफर तय किया. इस दौरान यह दोनों साउथ अफ्रीका में खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज को लेकर चर्चा कर रहे थे.
रवि शास्त्री ने सुझाया नाम
अरुण ने उस दिन को याद करते हुए कहा, "रवि ने सबसे पहले मुझे बुमराह के बारे में उसी समय बताया था. कॉमेंट्री करते हुए उन्होंने विश्व के बेहतरीन गेंदबाजों को देखा है. इसी कारण वह प्रतिभा को पहचानने की नजर रखते हैं. साथ ही वह वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को काफी पसंद करते हैं. उनकी तरह बुमराह का एक्शन भी बल्लेबाजों के लिए थोड़ा मुश्किल है."
रवि ने कहा, "हम लोग कार में थे और मेरे दिमाग में साउथ अफ्रीका सीरीज चल रही थी. मैं एक ऐसा तेज गेंदबाज चाहता था जो हर किसी को हैरान कर सके. और हमारे गेंदबाजी अटैक में एक्स फैक्टर साबित हो सके. बुमराह हमारे लिए वो इंसान थे. तभी मैंने भरत से कहा कि वह बुमराह से बात करें और उन्हें सीरीज के लिए तैयार रहने को कहें."
बुमराह हो गए थे हैरान
अरुण ने बताया कि जब उन्होंने बुमराह को फोन किया तो वह हैरान रह गए थे. अरुण ने बताया, "वह उसकी उम्मीद नहीं कर रहे थे. मैंने जब उनसे इस बारे में कहा तो वह काफी खुश हुए और कहा कि वह हमेशा से टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं. वह इस बात से थोड़ा बहुत निराश थे कि उन्हें सीमित ओवरों का गेंदबाज कहा जाता है और यह उनका चीजों को बदलने का मौका है. हम किसी को इस बारे में बताना नहीं चाहते थे. यह हमारा प्लान था."