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संन्यास के बाद खुलकर सामने आए हरभजन, धोनी पर लगाए ये बड़े आरोप

Tulsi Rao
31 Dec 2021 3:54 AM GMT
संन्यास के बाद खुलकर सामने आए हरभजन, धोनी पर लगाए ये बड़े आरोप
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हरभजन सिंह ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हरभजन सिंह के मुताबिक उन्हें बिना कोई कारण बताए टीम इंडिया से बाहर किया गया था

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था. क्रिकेट छोड़ने के बाद हरभजन सिंह खुलकर सामने आए हैं और उन्होंने एक के बाद एक जमकर खुलासे किए हैं. हरभजन सिंह ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हरभजन सिंह के मुताबिक उन्हें बिना कोई कारण बताए टीम इंडिया से बाहर किया गया था.

संन्यास के बाद खुलकर सामने आए हरभजन
वर्ल्ड कप 2011 के बाद से हरभजन सिंह ने सिर्फ 10 वनडे और 10 टेस्ट मैच खेले थे. हरभजन सिंह को 2013 चैंपियंस ट्रॉफी और 2015 वर्ल्ड कप के लिए भी टीम में शामिल नहीं किया गया था. महेंद्र सिंह धोनी के कारण टीम इंडिया में रविचंद्रन अश्विन की एंट्री हुई. रविचंद्रन अश्विन के आते ही इंटरनेशनल क्रिकेट से हरभजन सिंह का पत्ता साफ हो गया. संन्यास के बाद हरभजन सिंह ने अब अपनी भड़ास निकाली है.
धोनी पर लगाए ये बड़े आरोप
हरभजन सिंह ने कहा, '400 विकेट वाले किसी खिलाड़ी को कैसे आउट किया जा सकता है. यह अपने आप में एक रहस्यमयी कहानी है, जो अभी तक सामने नहीं आई है. मुझे अभी भी आश्चर्य है, 'वास्तव में क्या हुआ? मेरे टीम में बने रहने से किसे दिक्कत थी?' हरभजन सिंह ने खुलासा किया कि उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) से उनकी अनुपस्थिति का कारण पूछने की कोशिश की थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. एक बार जब उन्हें एहसास हुआ कि जवाब मांगने का कोई मतलब नहीं है, तो फिर हरभजन ने कारण पूछना बंद कर दिया. हरभजन सिंह ने कहा, 'मैंने कप्तान (धोनी) से पूछने की कोशिश की, लेकिन मुझे कोई कारण नहीं बताया गया. मुझे एहसास हुआ कि इसका कारण पूछने का कोई मतलब नहीं है और इसके पीछे कौन है, क्योंकि अगर आप पूछते रहते हैं और कोई जवाब नहीं देता है, तो इसे छोड़ देना बेहतर है.'
हरभजन सिंह ने फैंस को दिया बड़ा झटका
हरभजन सिंह ने साल 1998 में चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मुकाबले के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की. इसके बाद उसी साल न्यूजीलैंड के खिलाफ हरभजन सिंह ने वनडे डेब्यू किया था. साल 2006 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ हरभजन सिंह ने अपना टी20 डेब्यू किया था. हरभजन सिंह 2016 से ही टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे. खबरों की माने तो वह IPL की किसी फ्रेंचाइजी के सपोर्ट स्टाफ या कोच बन सकते हैं. हरभजन मेगा ऑक्शन में भी किसी टीम के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं.
16 साल तक भज्जी का रहा जलवा
हरभजन सिंह पूरे 16 साल तक देश के क्रिकेट खेली और खूब सफल भी रहे. उन्होंने भारतीय टीम के लिए 103 टेस्ट मैच, 236 वनडे मैच और 28 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले थे. टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 417 विकेट लिए थे, जबकि वनडे में उनके नाम पर 269 विकेट दर्ज हैं. वहीं, टी20 इंटरनेशनल मैचों में वो 25 विकेट लेने में सफल रहे थे. पंजाब से आने वाले हरभजन सिंह ने अपना आखिरी टेस्ट 2015 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था. हरभजन सिंह का आखिरी वनडे मुकाबला 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ था. 2016 में हरभजन ने यूएई के खिलाफ एशिया कप में अपना आखिरी टी-20 मैच खेला था.
417 टेस्ट विकेट लेने का रिकॉर्ड
हरभजन सिंह ने टीम इंडिया के लिए 103 टेस्ट मैच खेले हैं. उनके नाम 417 विकेट दर्ज है. वनडे में उन्होंने 236 मैचों में 269 विकेट लिए हैं. टी-20 में भज्जी ने भारत के लिए 28 मुकाबले खेले हैं. इनमें उन्होंने 25 विकेट झटके हैं. 2016 में हरभजन ने यूएई के खिलाफ एशिया कप में अपना आखिरी टी-20 मैच खेला था. IPL में हरभजन के नाम 163 मैच में 150 विकेट दर्ज है. IPL में वे मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेल चुके हैं. 41 साल के हरभजन इस IPL सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा थे. हालांकि, IPL 2021 के दूसरे फेज में उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. हरभजन ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच 2016 में खेला था.
कोलकाता में हैट्रिक लेकर दिलाई थी ऐतिहासिक जीत
हरभजन सिंह की गिनती दिग्गज ऑफ स्पिनरों के रूप में होती है. हरभजन ने अपनी गेंदबाजी से टीम इंडिया को कई मुकाबले जिताए. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए ऐतिहासिक टेस्ट मैच में हैट्रिक भी झटकी थी. हरभजन उस वक्त सिर्फ 21 साल के थे और उस मुकाबले के बाद हरभजन सिंह टीम इंडिया का अहम हिस्सा बन गए थे. लेग स्पिनर अनिल कुंबले के साथ उनकी जोड़ी ने टीम इंडिया को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई हैं. 2000 से लेकर 2010 तक हरभजन सिंह और अनिल कुंबले की जोड़ी ने ही भारतीय स्पिन का मोर्चा संभाला था.


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