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Happy Birthday: युवराज सिंह आज अपना 40वां जन्‍मदिन मना रहे, देखे उनका वर्ल्ड रिकार्ड

Subhi
12 Dec 2021 4:11 AM GMT
Happy Birthday: युवराज सिंह आज अपना 40वां जन्‍मदिन मना रहे, देखे उनका वर्ल्ड रिकार्ड
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भारतीय टीम के ऐसे बहुत कम खिलाड़ियों को देखने का मौका मिला है, जिनके पिता ने देश के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेली हो और फिर उनके बेटा ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भाग लिया हो।

भारतीय टीम के ऐसे बहुत कम खिलाड़ियों को देखने का मौका मिला है, जिनके पिता ने देश के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेली हो और फिर उनके बेटा ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भाग लिया हो। भारतीय क्रिकेट में ये गिने चुने नाम हैं, जिसमें पिता और बेटे ने देश के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है, लेकिन सबसे ज्यादा नाम बाएं हाथ के बल्लेबाज युवराज सिंह ने कमाया है। युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने भी देश के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में भाग लिया है।

12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में जन्मे युवराज सिंह आज यानी 12 दिसंबर 2021 को अपना 40वां जन्मदिन मना रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज अर्धशतक जड़ने का काम किया है। सिक्सर किंग के नाम से फेमस युवराज सिंह ने लंबे समय तक देश के लिए क्रिकेट खेली है और वे सफल भी रहे हैं। हालांकि, कैंसर के कारण वे कई साल इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने वापसी की थी और फिर से वे टीम का हिस्सा बने थे।
आइसीसी टूर्नामेंट के सबसे बड़े हीरो
अंडर 19 क्रिकेट के समय से ही पता चल गया था कि युवराज सिंह आइसीसी टूर्नामेंट के सबसे बड़े हीरो हैं। साल 2002 में उन्होंने देश के लिए अंडर 19 विश्व कप मोहम्मद कैफ की कप्तानी में खेला था और वे प्लेयर आफ द टूर्नामेंट का खिताब जीतने में सफल हुए थे। वहीं, आइसीसी टी20 विश्व कप 2007 में उन्होंने एक ओवर में 6 छक्के जड़कर इतिहास रचा था। इसके अलावा वे साल 2011 में भारत में हुए आइसीसी वनडे विश्व कप में प्लेयर आफ द टूर्नामेंट रहे थे। इसी विश्व कप के दौरान उनको पता चला था कि उनको कैंसर है
कैंसर को दी मात
क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के दौरान युवराज सिंह एक मैच के दौरान खून की उल्टियां करते पाए गए थे। बाद में पता चला था कि उनको कैंसर है और योद्धा की तरह उन्होंने पहले देश को विश्व कप का खिताब दिलाया और फिर कैंसर पर भी जीत दर्ज की। कैंसर से उबरने के दौरान वे क्रिकेट की दुनिया से दूर रहे, लेकिन वे खुद को ज्यादा दिन तक क्रिकेट की 22 गज की पिच से दूर नहीं रख सके। हालांकि, करियर के आखिरी पड़ाव पर परफार्मेंस के कारण उनको टीम से बाहर होना पड़ा और बाद में उन्होंने संन्यास ले लिया।

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