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पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बेटे बने DDCA अध्यक्ष, आज होगा आधिकारिक ऐलान

Neha Dani
18 Oct 2020 8:20 AM GMT
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बेटे बने DDCA अध्यक्ष, आज होगा आधिकारिक ऐलान
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पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बेटे और वकील रोहन जेटली दिल्ली एंव जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए.

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बेटे और वकील रोहन जेटली दिल्ली एंव जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए. इस पद के लिए जिन लोगों ने रोहन जेटली के खिलाफ नामांकन भरा था उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया. रोहन जेटली के अध्यक्ष बनने की आधिकारिक घोषणा हालांकि नौ नवंबर को की जाएगी.

नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख शनिवार (17 अक्टूबर) दोपहर तक थी. इसके बाद निर्वाचन अधिकारी नवीन बी चावला ने प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी की. अब पांच से आठ नवंबर के बीच डीडीसीए के चार निदेशकों और कोषाध्यक्ष के पदों के चुनाव होंगे. नौ तारीख को वोटों की गिनती होगी और इसी दिन नतीजों का ऐलान किया जाएगा.

रोहन के सामने वकील सुनील कुमार गोयल ने नामांकन दाखिल किया था जो बाद में उन्होंने वापस ले लिया. कोषाध्यक्ष पद के लिए पवन गुलाटी की सीधी टक्कर शशी खन्ना से है. पवन भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के रिश्तेदार हैं जबकि शशी बीसीसीआई के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष सी.के खन्ना की पत्नी हैं.

चार निदेशकों के लिए नौ लोग रेस में हैं जिनमें से चार-चार दो अलग ग्रुपों में से हैं जिनमें अशोक शर्मा मामा, दिनेश कुमार शर्मा, करनैल सिंह और प्रदीप अग्रवाल हैं. वहीं सीके. खन्ना ग्रुप से हरिश सिंग्ला, हर्ष गुप्ता, मनजीत सिंह और सुधीर कुमार अग्रवाल हैं.

वहीं एक अजीब नाम इसमें शामिल है जिनके बारे में शायद ही कोई कुछ जानता हो और वो हैं प्रदीप कुमार अरोड़ा. गुलाटी ने कहा, "मैं अच्छी लड़ाई लडूंगा. चुनावों के बाद हम एक टीम की तरह बैठेंगे और जो जरूरी मुद्दे हैं उन पर काम करेंगे. डीडीसीए खेल का क्लब है और इसलिए इसे खेल के लिए पहचाना जाना चाहिए. यह मेरा प्राथमिक लक्ष्य है. मैं शशी खन्ना को शुभकामनाएं देता हूं."

वहीं अशोक शर्मा चाहते हैं कि डीडीसीए के सदस्यों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिलें. उन्होंने कहा, "हमें रोहन से काफी उम्मीदें हैं. हम उम्मीद करते हैं कि वह दिल्ली की जमीनी स्तर की क्रिकेट पर ध्यान देंगे जिसको लंबे समय से नजरअंदाज किया. 2018 में पूर्व अध्यक्ष रजत शर्मा ने जिन अकादमियों को खोलने का वादा किया था वो खुली नहीं हैं. रोहन को क्रिकेट और क्रिकटरों की भलाई पर खर्च करना चाहिए."

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