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मजबूरी में चुनी तलवारबाजी, अब टोक्यो में कमाल दिखाएंगी भवानी देवी

Gulabi
19 July 2021 3:31 PM GMT
मजबूरी में चुनी तलवारबाजी, अब टोक्यो में कमाल दिखाएंगी भवानी देवी
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सीए भवानी देवी ने इस साल जब टोक्यो ओलिंपिक-2020 का टिकट हासिल किया था

सीए भवानी देवी (CA Bhavani Devi) ने इस साल जब टोक्यो ओलिंपिक-2020 (Tokyo Olympics 2020) का टिकट हासिल किया था तो इतिहास रच दिया था. वह ओलिंपिक का टिकट कटाने वाली भारत की पहली तलवारबाज बनीं थी और अब वह खेलों के महाकुंभ में भारत की तरफ से अपना दमखम दिखाने को तैयार हैं. लेकिन यह खेल उनकी पहली पसंद नहीं था बल्कि मजबूरी में उन्होंने यह खेल शुरू किया था. भवानी देवी ने स्कूल के दिनों में मजबूरी में इस खेल का चयन किया था क्योंकि उनके पास इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं था.

चेन्नई की 27 साल की यह खिलाड़ी इतिहास रचने के बाद पिछले कुछ समय से इटली में इन खेलों के लिए अभ्यास कर रही थी, जहां से वह सकारात्मक सोच के साथ टोक्यो के लिए रवाना हो गई है. भवानी ने पीटीआई से कहा, '' मैंने अच्छे से अभ्यास किया है. मैं कड़ी मेहनत कर रही हूं और अपने पहले ओलिंपिक खेलों के लिए अच्छी तैयारी कर रही हूं. मैंने इटली की राष्ट्रीय टीम के साथ कुछ शिविरों में भाग लिया जहाँ कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय तलवारबाज भी मौजूद थे. मैंने इससे पहले फ्रांस में भी अभ्यास किया है.''
टोक्यो के लिए तैयार
भवानी ने सोमवार को इटली के हवाई अड्डे से अपनी तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि टोक्यो ओलिंपिक के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार हूं. उन्होंने कहा कि ओलिंपिक में मुकाबला काफी चुनौतीपूर्ण होगा. उन्होंने कहा, '' ओलिंपिक एक बहुत ही खास प्रतियोगिता है और सभी एथलीटों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. इसलिए हर मैच कठिन होने वाला है और कुछ भी संभव है.''
कोविड-19 महामारी से ओलिंपिक के टलने के कारण उनके खेल पर पड़े प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''शुरुआत में हमें टूर्नामेंट्स और ओलिंपिक को लेकर बहुत भ्रम था. मैं बाद में स्थिति को समझ गई और प्रतियोगिताओं के शुरू होने पर पूरी तरह से तैयार रहना चाहती थी. इसलिए मैंने घर में और छत पर अभ्यास करती थी. हम लॉकडाउन के दौरान किसी तरह तैयारी करने में कामयाब रहे और एक बार जब मैं इटली वापस आई, तो मैंने अपनी पूरी ट्रेनिंग शुरू कर दी. ''
इटली के कोच से मिली मदद
उन्होंने कहा कि इटली के कोच निकोला जानोटी के साथ प्रशिक्षण ने उनके प्रदर्शन और रैंकिंग में सुधार करने में मदद की. उन्होंने कहा, '' मेरे कोच भी टोक्यो जाएंगे. उनके साथ अभ्यास करने से मुझे मेरी रैंकिंग और प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिली. हमने लगातार एक साथ अच्छा काम किया और ओलिंपिक क्वालीफिकेशन उसी का परिणाम है."
उन्होंने बताया कि टोक्यो में उनकी मां सीए रमानी भी उनके साथ रहेंगी जिससे उनका हौसला बढ़ेगा. रमानी को भारत की तलवारबाजी दल में नामित किया गया है और उन्हें पी-टीएपी (व्यक्तिगत-प्रशिक्षण सहायता कार्यक्रम) के रूप में मान्यता दी गई है. तलवारबाजी से जुड़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि स्कूल में उस समय उनके पास कोई और विकल्प नहीं था. उन्होंने बताया, ''स्कूल में तलवारबाजी सहित छह खेलों के विकल्प थे. जब मेरा नामांकन हुआ तब तक अन्य खेलों में सभी जगह भर चुकी थीं. मेरे पास तलवारबाजी को चुनने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था. यह एक ऐसा खेल था जिसके बारे में बहुत से लोग ज्यादा नहीं जानते थे और मैंने गंभीरता से इसमें अपना हाथ आजमाने का फैसला किया. मुझे खुशी है कि मैंने ऐसा किया क्योंकि अब मैं इससे प्यार करती हूं.''
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