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अभी बहुत दूर, जानें क्या है फिलहाल स्थिति, भारतीय महिला फुटबॉल टीम के लिए फीफा वुमेन वर्ल्डकप 2023 है

Manish Sahu
22 July 2023 3:58 PM GMT
अभी बहुत दूर, जानें क्या है फिलहाल स्थिति, भारतीय महिला फुटबॉल टीम के लिए फीफा वुमेन  वर्ल्डकप 2023 है
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खेल: फीफा महिला विश्व कप 2023 इस समय 32 टीमों के साथ न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में हो रहा है। दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल के आयोजन के बीच, भारत की महिला फुटबॉल टीम विश्व कप से अभी कोसों दूर है। यही हाल पुरुष फुटबॉल का भी है। महिला वर्ल्ड कप के मौके पर, हम जानेंगे कि भारतीय महिला फुटबॉल की स्थिति क्या है। फीफा वर्ल्ड कप में वैसे एशियाई टीमों की स्थिति कुछ खास नहीं होती है। महिला वर्ल्ड कप में भी 32 टीमों में सिर्फ 5 टीम ही एशिया से ताल्लुक रखती है इनमें फिलिपींस, जापान, चाइना, वियतनाम और साउथ कोरिया शामिल है। फिलीपींस और वियतनाम तो भारत की तुलना में काफी छोटे देश हैं। सीमा हैदर एटीएस से पूछताछ के बाद पहली बार बोली, भारत और पाकिस्तान को लेकर क्या कहा? भारतीय महिला फुटबॉल टीम इस समय 60वीं रैंक पर है। नंबर 1 रैंक पर यूएसए की टीम है जो महिला फुटबॉल विश्व कप में राज करती है और सबसे ज्यादा बार खिताब जीत चुकी है। मार्च 2023 में भारतीय महिला फुटबॉल टीम 61वें स्थान पर थी। AD ध्यान देने वाली बात यह है कि भारतीय महिला फुटबॉल टीम की सर्वोच्च रैंकिंग 49 है और उनकी सबसे कम रैंकिंग 63 रही है। भारत ने 2013 में अपनी सर्वोच्च रैंकिंग पाई थी। भारत महिला क्रिकेट टीम की मौजूदा 60वीं रैंकिंग उन्हें एशिया में दसवीं बेस्ट टीम बनाती है और इसने फुटबॉल इंडिया को पहली बार अपने इतिहास में ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए मोटिवेट करने का बड़ा काम भी किया है।भारतीय महिला टीम ने अप्रैल में किर्गिज रिपब्लिक को हराकर वूमेन ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट राउंड 2 के क्वालिफिकेशन में जगह बनाई है। भारतीय महिला फुटबॉल टीम का इतिहास दमदार रहा है। ये टीम महिला एशिया कप में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा चुकी है। उन्होंने 9 बार इस टूर्नामेंट में शिरकत की है। सबसे पहले भारत ने 1980 में पहली बार यह प्रतियोगिता खेली थी। वह 1980 और 83 में इस टूर्नामेंट के रनर-अप भी रह चुके हैं। इसके अलावा भारतीय महिला फुटबॉल टीम 1981 में हांगकांग में हुए एशिया कप में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी है। लेकिन अब ये सुनहरा दौर भी बीच चुका है। AD साउथ एशिया फुटबॉल फेडरेशन, यानी SAFF महिला चैंपियनशिप में भारतीय महिला फुटबॉल टीम ने 2010, 2012, 2014, 2016 और 2019 में गोल्ड मेडल जीता है। लेकिन ये एक बहुत छोटी टीमों की प्रतियोगिता है, जिसे जीतकर वर्ल्ड लेवल पर आपकी काबिलियत का पता नहीं लगता। WI vs IND: भारत-वेस्टइंडीज टेस्ट में बारिश बनी खलनायक, ब्रैथवेट ने की बेहतरीन बैटिंग इस टीम ने साउथ एशिया गेम में भी 2010 2016 और 2019 में गोल्ड मेडल जीता है। लेकिन, महिला फुटबॉल विश्व कप प्रतियोगिता के 1991 में चीन में शुरू होने के बाद से लेकर अब तक भारतीय महिला फुटबॉल टीम एक बार भी क्वालीफाई नहीं कर पाई है। फिलहाल, भारतीय महिला फुटबॉल टीम का टारगेट किसी तरह से ओलंपिक के लिए जद्दोजहद करना है। हालांकि, भारतीय फुटबॉल टीम, जिसमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं, को स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री से हाल में एक बड़ा झटका लग चुका है। भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने एशियन गेम्स के लिए क्वालीफाई करने के लिए कुछ योग्यता सेट की थी, जिस पर यह दोनों ही टीमें खरी नहीं उतरी हैं और इन्हें एशियन गेम्स में नहीं भेजा जा रहा है। इस पैमाने पर पुरुष टीम 17वें स्थान पर है जबकि महिला टीम दसवें स्थान पर है। इसके चलते दोनों टीमें 24 सितंबर से शुरू होने जा रहे एशियन गेम्स में क्वालीफाई नहीं कर पाई है। एशियन गेम्स में ही क्वालीफाई नहीं कर पाई फुटबॉल टीम से फीफा वर्ल्ड कप में जाने की उम्मीदें एक बड़ा मुगालता पालने जैसा ही है। अभी भी भारत में महिला फुटबॉल के विकास के लिए उचित इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। वित्तीय संसाधनों के अभाव में भी टीम को अच्छे खिलाड़ियों को खोजने और उनकी स्किल को निखारने में दिक्कतें होती हैं। भारतीय महिला फुटबॉल टीम की स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण है। हालांकि इस साल कुछ जीतें टीम को आगे जरूर लेकर जाती हैं लेकिन टीम के पास वर्ल्ड कप जैसी विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में हाई लेवल की परफॉरमेंस करने के लिए आवश्यक तैयारी और अनुभव की कमी है।
Manish Sahu

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