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अर्जेंटीना की राजधानी में माराडोना को कई तरह से याद कर रहे फैंस, चैंपियंस लीग मैचों पर सम्मान में एक मिनट का रखा गया मौन

Gulabi
27 Nov 2020 3:56 AM GMT
अर्जेंटीना की राजधानी में माराडोना को कई तरह से याद कर रहे फैंस, चैंपियंस लीग मैचों पर सम्मान में एक मिनट का रखा गया मौन
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माराडोना ने बुधवार को 60 साल की उम्र में बीमारी के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डिएगो माराडोना के निधन के बाद अर्जेंटीना में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक है. बुधवार को 60 साल की उम्र में बीमारी के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली. डिएगो माराडोना के पार्थिव शरीर को राष्ट्रपति के दफ्तर कासा रोसारा लाया गया है. यहां तीन दिनों तक लोग श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे.

डिएगो माराडोना की टीम के साथी रहे ओहवाल्दो अर्बिलेस ने कहा है कि जितनी शोहरत और प्रशंसा माराडोना को मिली उतनी आज के फुटबॉल के सुपरस्टार लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो को भी नहीं मिली. फुटबॉल की दुनिया की कई हस्तियों ने माराडोना को श्रद्धांजलि दी. इनमें मेसी, रोनाल्डो से लेकर ब्राजील के महान खिलाड़ी पेले भी शामिल हैं.

डिएगो माराडोना की इस महीने की शुरुआत में मस्तिष्क से ब्लड क्लॉट निकालने के लिए सफलतापूर्वक सर्जरी हुई थी. इसके साथ ही शराब की लत से मुक्ति के लिए भी उनका इलाज चल रहा था. बुधवार को चैंपियंस लीग मैचों में माराडोना के सम्मान में एक मिनट का मौन रखा गया. इस हफ़्ते यूरोपियन फिक्सर्स में भी एक मिनट का मौन रखा जाएगा. बड़ी संख्या में प्रशंसक सैन एंड्रेस के पास पहुंच गए, जहां माराडोना रहते थे. अर्जेंटीना की राजधानी में माराडोना को प्रशंसक कई तरह से याद कर रहे हैं.

बुधवार को अर्जेंटीना में फुटबॉल क्लब इंटरनेशनल और माराडोना के पूर्व क्लब बोका जूनियर्स के बीच मैच था, जिसे रद्द कर दिया गया. बड़ी संख्या में स्टेडियम में प्रशंसक पहुंचे और माराडोना के दुनिया छोड़ने के गम में कई लोग रोने लगे.

1986 में फुटबॉल की दुनिया में माराडोना का नाम चमका था जब उन्होंने अर्जेंटीना को वर्ल्ड कप जीताने में अहम भूमिका निभाई थी. दुनिया के महान फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार माराडोना की कप्तानी में ही अर्जेंटीना ने 1986 में विश्व कप जीता था. इस वर्ल्ड कप में उन्होंने अर्जेंटीना की कप्तानी की और टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ट खिलाड़ी होने का गोल्डन बॉल पुरस्कार जीता और निर्णायक मुकाबले में वेस्ट जर्मनी पर जीत हासिल की थी.

1986 विश्व कप में माराडोना ने कई अहम पल दिए थे जिन्हें आज भी याद किया जाता है, जिसमें से सबसे बड़ा और मशहूर पल इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में आया था जब उनके द्वारा किए गए गोल को 'गोल ऑफ द सेंचुरी' कहा गया था. उन्होंने 60 यार्ड से भागते हुए इंग्लैंड की मिडफील्ड को छकाते हुए गोल किया था.

माराडोना ने अर्जेंटीना के लिए 91 मैच खेले जिसमें उन्होंने 34 गोल दागे. इसके अलावा वह अर्जेंटीना जूनियर्स, बोका जूनियर्स, बार्सिलोना, नेपोली, सेविला और नेवेल्स ओल्ड बॉयज़ जैसे क्लबों के लिए भी खेले.

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