खेल

इंग्लैंड के कोच ने पिच को खराब बताने वालो को सुनाया खरी खोटी, कहा-दोष देने से खुद का ही नुकसान

Khushboo Dhruw
27 Feb 2021 6:30 PM GMT
इंग्लैंड के कोच ने पिच को खराब बताने वालो को सुनाया खरी खोटी, कहा-दोष देने से खुद का ही नुकसान
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अहमदाबाद में तीसरे टेस्ट के दो दिन में खत्म होने के बाद पिच को लेकर नए सिरे से बहस चल पड़ी है.

अहमदाबाद में तीसरे टेस्ट के दो दिन में खत्म होने के बाद पिच को लेकर नए सिरे से बहस चल पड़ी है. इंग्लैंड (England) के कई पूर्व क्रिकेटर्स ने पिच को खराब बताया है. वे लगातार बीसीसीआई पर इस बारे में हमले बोल रहे हैं और आसमान उठाए हुए हैं. इस बीच इंग्लैंड के बल्लेबाजी कोच जोनाथन ट्रॉट (Jonathan Trott) का मानना है कि अपने कौशल पर ध्यान देने की जगह सिर्फ 22 गज की पिच पर दोष मढ़ना सही नहीं होगा. हालांकि उन्होंने माना कि मोटेरा की पिच बल्लेबाजी के लिए आसान नहीं थी. अहमदाबाद में इंग्लैंड को गुलाबी गेंद से खेले गए तीसरे टेस्ट में 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. इस दौरान टीम दोनों पारियों में 112 और 81 रन ही बना सकी और दो दिन में ही मैच खत्म हो गया.

ट्रॉट ने ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मुझे लगता है कि सभी के लिए यह कभी ना कभी खेलने के लिए आसान नहीं थी. बेशक काफी सूखी पिच थी और हमने भारत में ऐसा ही देखा है. हमने पहले इसका इस्तेमाल किया इसलिए हम अधिक रन बनाना पसंद करते और भारत को थोड़ा दबाव में डालते. हमने गेंदबाजी करते हुए देखा कि हम भी उन्हें कम स्कोर पर रोक सकते हैं.' ट्रॉट दोष मढ़ने में नहीं उलझना चाहते और उन्होंने कहा कि इंग्लैंड अगर पहली पारी में अच्छी बल्लेबाजी करता तो चीजें अलग हो सकती थी.

ट्रॉट बोले- पिच को दोष देना अपना ही नुकसान
उन्होंने कहा, 'दोष मढ़ने की जगह मैं हमेशा यह देखना चाहता हूं कि हम गौर करें कि हम क्या बेहतर कर सकते थे. अगर हम पहली पारी में 200 या 250 रन बना देते तो यह अलग मुकाबला होता. दूसरी पारी में बल्लेबाजी की मानसिकता बेहद अलग होती. इसलिए मुझे लगता है कि पिच को दोष देना अपना ही नुकसान करना है. हां, गेंद स्पिन हो रही थी और गेंद तेजी से भी आ रही थी लेकिन पिच दोनों टीमों के लिए समान थी.'

यह पूछने पर कि क्या दो दिन के भीतर टेस्ट के खत्म होने से टेस्ट क्रिकेट को नुकसान होगा, ट्रॉट ने कहा, '
ये दो दिन में खत्म हो या कुछ और हो, आप हमेशा अच्छा क्रिकेट देखना चाहते हो और बल्ले एवं गेंद के बीच में अच्छा मुकाबला और स्पष्ट तौर पर इस सीरीज में गेंदबाजों का दबदबा रहा है इसलिए देखते हैं कि अंतिम टेस्ट में क्या होता है. मैं यह नहीं कहूंगा कि इससे नुकसान होगा, मैं कहूंगा कि अलग हालात, दुनिया भर के अलग देश, यही टेस्ट क्रिकेट को बेजोड़ बनाता है और इसी तरह खेल खेला जाता है.
टीम में मूड के बारे में पूछने पर ट्रॉट ने कहा, 'दो टेस्ट हमारे लिए जिस तरह रहे वह निराशाजनक है. लेकिन सिर्फ दो टेस्ट के बाद आपकी टीम बुरी नहीं बन जाती, हां, इससे पीड़ा होती है और हम कमर कसकर इंग्लैंड के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं. इससे आप अच्छा प्रदर्शन करने के लिए और अधिक प्रतिबद्ध हो जाते हो.'


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