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प्लेऑफ में CSK की जीत पक्की, दिल्ली कैपिटल्स को मिलेगी हार, पढ़ें पूरी खबर

Gulabi
9 Oct 2021 1:00 PM GMT
प्लेऑफ में CSK की जीत पक्की, दिल्ली कैपिटल्स को मिलेगी हार, पढ़ें पूरी खबर
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प्लेऑफ में CSK की जीत पक्की

आईपीएल 2021 (IPL 2o21) की लीग स्टेज पूरी होने के बाद अब इंतजार प्लेऑफ मुकाबलों का है. फाइनल से पहले चार टीमों के बीच 3 मुकाबले खेले जाएंगे, जिनमें से दो टीमें फाइनल में पहुंचेंगी और खिताब के लिए लड़ेंगी. दिल्ली कैपिटल्स (DC), चेन्नई सुपर किंग्स (CSK), रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के बीच सोमवार रविवार 10 अक्टूबर से ये टक्कर शुरू होगी. पहला मुकाबला होगा लीग की दो शीर्ष टीमों के बीच- दिल्ली बनाम चेन्नई. दिल्ली लगातार तीसरी बार प्लेऑफ में जगह बना पाने में कामयाब रही है. हालांकि, पिछले सीजन में फाइनल तक पहुंचने वाली दिल्ली के लिए इस बार प्लेऑफ की बाधा पार करना मुश्किल दिख रहा है और इसका गवाह है टीम का आईपीएल में पुराना रिकॉर्ड.


लीग स्टेज ते 56 मैच खत्म होने के बाद दिल्ली कैपिटल्स ने सबसे ज्यादा 20 पॉइंट्स के साथ पहला स्थान हासिल किया. दूसरे स्थान पर 18 पॉइंट्स के साथ चेन्नई है. ऐसे में दोनों ही टीमों को फाइनल में पहुंचने के दो मौके मिलने तय हैं. यानी दिल्ली और चेन्नई के बीच रविवार 10 अक्टूबर को होने वाले पहले क्वालिफायर में जो भी टीम जीतेगी, वो तो सीधे फाइनल में पहुंचेगी, जबकि हारने वाली टीम को एक बार फिर मौका मिलेगा और वह एलिमिनेटर मुकाबला जीतने वाली टीम से भिड़ेगी.

प्लेऑफ में ऐसा है इतिहास
अब बात फिर से दिल्ली की. दिल्ली ने शानदार फॉर्म दिखाई है और चेन्नई को सीजन में दोनों मुकाबलों में हराया है. इसके बावजूद एमएस धोनी की टीम के पास प्लेऑफ का अच्छा खासा अनुभव है. लेकिन यहां बात अनुभव से ज्यादा पिछले रिकॉर्ड्स के आधार पर हो रही है. अगर आईपीएल इतिहास में प्लेऑफ में दिल्ली के प्रदर्शन को देखें, तो टीम फाइनल तक नहीं पहुंच सकेगी.

असल में दिल्ली ने पिछले 13 सीजनों में कुल मिलाकर सिर्फ दो बार प्लेऑफ (क्वालिफायर/एलिमिनेटर/सेमीफाइनल/फाइनल) मुकाबले जीते हैं. दिल्ली ने ये दोनों मुकाबले हैदराबाद के खिलाफ खेले और जीते. लेकिन जब बात लीग की दूसरी टीमों की आती है, तो दिल्ली ने इनके खिलाफ 7 बार प्लेऑफ में दावेदारी ठोकी और हर बार हार मिली.

अब इस लिहाज से देखें, तो दिल्ली का पहला मुकाबला चेन्नई से है और रिकॉर्ड के अनुसार चीजें चलती रहीं, तो क्वालिफायर में चेन्नई उसे हरा देगी. सिर्फ इतना ही नहीं, दूसरे क्वालिफायर में भी उसे हार ही झेलनी पड़ेगी, क्योंकि एलिमिनेटर में बैंगलोर और कोलकाता की टीमें हैं और उनमें से जो जीतेगा, दिल्ली को उससे भिड़ना होगा. अब पुराने इतिहास के हिसाब से दिल्ली इन्हें भी नहीं हरा सकेगी.

दिल्ली में इतिहास बदलने की काबिलियत
इस सबके बावजूद, दिल्ली की दावेदारी फाइनल तक पहुंचने के लिए सबसे मजबूत है. पिछले दो सीजन में टीम ने लगातार सुधार किया है. 2019 में टीम 7 साल बाद प्लेऑफ में पहुंची थी, जबकि 2020 में पहली बार फाइनल में पहुंची थी. इस लिहाज से अगर दिल्ली इस दफा अपना पहला खिताब जीतती है, तो किसी को भी हैरानी नहीं होनी चाहिए.


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