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क्रिस गेल का 8 साल पुराना ट्वीट हुआ वायरल... जानिए क्या कहा था

Bharti sahu
5 Sep 2021 7:03 AM GMT
क्रिस गेल का 8 साल पुराना ट्वीट हुआ वायरल... जानिए क्या कहा था
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वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल (Chris Gayle) मैदान में जितने आक्रामक नजर आते हैं,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वेस्टइंडीज (West Indies) के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल मैदान में जितने आक्रामक नजर आते हैं, वो अपनी पर्सनल लाइफ में उतने ही कूल है. इसका सबूत वो अक्सर लाइव टीवी और सोशल मीडिया के जरिए देते रहते हैं.

गेल को अपने परैंट्स से जलन
क्रिस गेल (Chris Gayle) को 'यूनिवर्स बॉस' (Universe Boss) भी कहा जाता है. उनके बॉस एटीट्यूड (Boss Attitude) फैंस को काफी पसंद लेकिन 8 साल पहले उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए फैंस को पल भर के लिए हैरान कर दिया, जब गेल ने लिखा कि उन्हें अपने पैरेंट्स से जलन होती है.
गेल की ये ख्वाहिश रहेगी अधूरी!
क्रिस गेल (Chris Gayle) ने 9 मार्च 1913 को ट्विटर पर लिखा, मुझे अपने माता-पिता से जलन होती है. हालांकि अगली ही लाइन में उन्होंने इसकी मजेदार वजह भी बताई. उन्होंने आगे लिखा, 'मुझे कभी भी उनके बेटे जैसा कूल बच्चा नहीं मिल पाएगा.'
गेल का 'ट्वीट ऑफ द ईयर'
'यूनिवर्स बॉस' (Universe Boss) क्रिस गेल (Chris Gayle) के इस बयान पर फैंस ने काफी तारीफ की थी. ब्रिटिश जर्नलिस्ट पीयर्स मॉर्गन (Piers Morgan) ने इसे साल का सबसे बेहतरीन ट्वीट (Tweet of the Year) बताया था.
जमैका में गेल का जन्म
क्रिस गेल (Chris Gayle) का जन्म 21 सितंबर 1979 को जमैका (Jamaica) की राजधानी किंग्सटन (Kingston) में हुआ था. उनके पिता डूडले गेल (Dudley Gayle) एक पुलिसकर्मी थे. इस कैरेबियन क्रिकेटर का बचपन जद्दोजहद से भरा हुआ था.
मुश्किलों में बीता बचपन
क्रिस गेल (Chris Gayle) के पास आज दौलत की कोई कमी नहीं है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उनकी मां मूंगफली बेचा करती थीं. गेल अपने पैरेंट्स के साथ कच्ची झोपड़ी में रहते थे.
कॉलेज नहीं जा सके गेल
परिवार की मदद करने के लिए क्रिस गेल (Chris Gayle) कचरा बीनते थे, कई बार उनके परिवार को भूखे पेट ही सोना पड़ता था. गरीबी की वजह से वो हाईस्कूल से आगे नहीं पढ़ पाए. कॉलेज में एडमिशन का ख्वाब भी अधूरा रह गया.
भूख मिटाने के लिए करनी पड़ी चोरी
क्रिस गेल (Chris Gayle) ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो कचरे से प्लास्टिक की बोलत छांटते थे और जो उससे पैसे मिलते वो परिवार का पेट भरने के काम आता. एक बार उन्हें भूख मिटाने के लिए चोरी तक करनी पड़ी.


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