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टोक्यो पैरालंपिक में मनोज सरकार को ब्रॉन्ज

Admin2
4 Sep 2021 11:50 AM GMT
टोक्यो पैरालंपिक में मनोज सरकार को ब्रॉन्ज
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इमेज क्रेडिट: GEETY

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने टोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. शनिवार को उन्होंने बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स एसएल3 फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के वर्ल्ड नंबर-2 डेनियल बेथेल को 21-14, 21-17 से हराया. इसके साथ ही 33 साल के प्रमोद भगत पैरालंपिक के बैडमिंटन इवेंट में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय शटलर बन गए हैं.

एसएल3 वर्ग में ही मनोज सरकार ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता. उत्तराखंड के रहने वाले मनोज ने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में जापान के डाइसुके फुजिहारा को 46 मिनट में 22-20, 21-13 से शिकस्त दी. गौरतलब है कि मनोज सरकार को सेमीफाइनल में डेनियल बेथेल ने हरा दिया था.
इसके साथ ही भारत के पदकों की संख्या 17 हो गई. वर्ल्ड नंबर-1 प्रमोद ने यह खिताबी मुकाबला 45 मिनट में अपने नाम किया. सेमीफाइनल में उन्होंने जापान के डाइसुके फुजिहारा को 21-11, 21-16 से हराया था.
टोक्यो पैरालंपिक में भुवनेश्वर के प्रमोद ने चौथा गोल्ड मेडल दिलाया. शनिवार को ही मनीष नरवाल (Men's 50m Pistol SH1) ने तीसरा गोल्ड मेडल दिलाया है. इससे पहले अवनि लखेरा (Women's 10m Air Rifle SH1) और सुमित अंतिल (Men's Javelin Throw F64) ने स्वर्ण पदक दिलाया था.
एसएल वर्ग में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिन्हें खड़े होने में दिक्कत हो या निचले पैर का विकार हो, जबकि एसयू में ऊपरी हिस्से के विकार वाले एथलीट खेलते हैं.
मौजूदा पैरालंपिक में भारत ने अब तक 17 पदक जीते हैं. भारत के खाते में अब 4 स्वर्ण, 7 रजत और 6 कांस्य पदक हैं. यह पैरालंपिक के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. रियो पैरालंपिक (2016) में भारत ने 2 स्वर्ण सहित 4 पदक जीते थे.
पहले गेम में दूसरी वरीयता प्राप्त बेथेल ने शानदार शुरुआत करते हुए एक समय 6-3 की बढ़त बना ली थी. लेकिन इसके बाद प्रमोद भगत ने लगातार पांच प्वाइंट लेकर स्कोर 8-6 कर दिया. गेम अंतराल के समय भारतीय खिलाड़ी ने 11-8 की बढ़त बना ली. फिर ब्रिटिश खिलाड़ी ने आठ अंक बटोरकर वापसी की कोशिश की, लेकिन यह नाकाफी था. अंततः प्रमोद भगत ने पहले गेम को 21 मिनट में जीत लिया.
दूसरे गेम में भी बेथेल ने बेहतरीन शुरुआत करते हुए गेम अंतराल के समय 11-4 की बढ़त ले ली थी. फिर प्रमोद भगत ने लगातार प्वाइंट्स बटोर कर स्कोर 15-15 से बराबर कर दिया. यहां से भारतीय खिलाड़ी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 24 मिनट में 21-17 से दूसरा गेम जीतकर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया.
प्रमोद भगत ने ग्रुप-ए में अपने दोनों मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. बुधवार को अपने पहले मुकाबले में उन्होंने हमवतन मनोज सरकार को 21-10, 21-23 से पराजित किया था. इसके बाद प्रमोद ने गुरुवार को यूक्रेन के ओलेक्सांद्र चिरकोव को 21-12, 21-9 से हराया. फिर शनिवार को हुए सेमीफाइनल मुकाबले में प्रमोद ने जापान के डाइसुके फुजिहारा को 21-11, 21-16 से पटखनी दी.
बैडमिंटन में भारतीय खिलाड़ियों सुहास यथिराज और कृष्णा नागर भी फाइनल में प्रवेश कर चुके हैं. एसएल4 क्लास में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी सुहास ने सेमीफाइनल में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 31 मिनट में 21-9, 21-15 से हराया था. अब रविवार को फाइनल में नोएडा के जिलाधिकारी सुहास का सामना फ्रांस के लुकास मजूर से होगा.
दूसरी ओर, कृष्णा नागर ने एसएच6 वर्ग के सेमीफाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के क्रिस्टन कूम्ब्स को महज 27 मिनट में 21-10, 21-11 से शिकस्त दी. फाइनल में 22 साल के कृष्णा का सामना रविवार को हॉन्गकॉन्ग के चु मान काई से होगा.
प्रमोद भगत अभी मिश्रित युगल एसएल3-एसयू5 क्लास में कांस्य पदक की दौड़ में बने हुए हैं. भगत और उनकी जोड़ीदार पलक कोहली रविवार को कांस्य पदक के प्लेऑफ में जापान के दाईसुके फुजीहारा और अकिको सुगिनो की जोड़ी से भिड़ेंगे.
5 वर्ष की उम्र में पोलियो के कारण उनका बायां पैर विकृत हो गया था. उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में चार स्वर्ण समेत 45 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं.
बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में पिछले आठ साल में उन्होंने दो स्वर्ण और एक रजत जीते. 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक स्वर्ण और एक कांस्य जीता.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमोद भगत और मनोज सरकार को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- प्रमोद भगत ने पूरे देश का दिल जीत लिया है. वह एक चैम्पियन हैं, जिनकी सफलता लाखों लोगों को प्रेरित करेगी. उन्होंने अद्भुत लचीलापन और दृढ़ संकल्प दिखाया. उन्हें बैडमिंटन में गोल्ड जीतने के लिए बधाई. भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं.

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