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मुक्केबाज मेरीकोम ने आगामी वर्षों में पेशेवर मुक्केबाज बनने की संभावना को खारिज नहीं किया

11 Dec 2023 8:51 AM GMT
मुक्केबाज मेरीकोम ने आगामी वर्षों में पेशेवर मुक्केबाज बनने की संभावना को खारिज नहीं किया
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नयी दिल्ली:ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज मेरीकोम ने आगामी वर्षों में पेशेवर मुक्केबाज बनने की संभावना को खारिज नहीं किया है क्योंकि यह अनुभवी मुक्केबाज आयु से जुड़ी सीमाओं के कारण अब एमेच्योर मुक्केबाजी में चुनौती पेश नहीं कर सकतीं। राष्ट्रमंडल खेलों के 2022 में हुए चयन ट्रायल के दौरान एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) की …

नयी दिल्ली:ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज मेरीकोम ने आगामी वर्षों में पेशेवर मुक्केबाज बनने की संभावना को खारिज नहीं किया है क्योंकि यह अनुभवी मुक्केबाज आयु से जुड़ी सीमाओं के कारण अब एमेच्योर मुक्केबाजी में चुनौती पेश नहीं कर सकतीं।

राष्ट्रमंडल खेलों के 2022 में हुए चयन ट्रायल के दौरान एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) की चोट के बाद से इस छह बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज ने प्रतिस्पर्धा पेश नहीं की है। उन्होंने हालांकि अब तक संन्यास की घोषणा नहीं की है।नियमों के अनुसार 40 वर्ष से अधिक की उम्र की मुक्केबाज एमेच्योर वर्ग में चुनौती पेश नहीं कर सकती और मेरीकोम अब 41 साल की हैं।

पहले खेलो इंडिया पैरा खेलों में सोमवार को यहां पदक विजेताओं को पदक देने के बाद मेरीकोम ने पीटीआई से कहा, ‘‘अगर मैं अपने दिल से कहूं तो मेरे में अब भी कुछ करने की भूख है। अब भी प्रतिस्पर्धा करना चाहती हूं और अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती हूं। लेकिन इस साल से मैं आयु सीमा के कारण प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाऊंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं फिर भी मुक्केबाजी से जुड़ा कुछ करने की कोशिश करूंगी। मैं पेशेवर बन सकती हूं लेकिन अभी नहीं पता कि मैं क्या करूंगी। मेरे अंदर अब भी एक से दो साल या यहां तक कि चार साल तक खेलने का जज्बा है।’’इस दिग्गज मुक्केबाज ने कहा कि वह चोटों के कारण भी प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाईं।

मेरीकोम ने कहा, ‘‘मैं इस साल आयु सीमा के कारण प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकी, मैं कई प्रतियोगिताओं से चूक गई। मुझे बड़ी चोट लगी थी, एसीएल चोट और ठीक होने के बाद मैं राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप जैसी कई प्रतियोगिताओं से चूक गई।’’मेरीकोम ने कहा कि पैरा एथलीट असली नायक हैं क्योंकि उन्हें देश को गौरवांवित करने के लिए बाधाओं से लड़ना पड़ता है।

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