भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने घरेलू क्रिकेट को लेकर बड़ा फैसला किया है। बीसीसीआइ इस साल अंडर-23 की जगह अंडर-25 टूर्नामेंट का आयोजन कराएगा जिससे उन क्रिकेटरों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा जो कोरोना वायरस के कारण पिछले साल घरेलू क्रिकेट खेले बिना ही ओवर एज हो गए।
बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, संयुक्त सचिव जयेश जार्ज और कोषाध्यक्ष अरुण कुमार धूमल ने शनिवार को नई दिल्ली में बैठक की। इस बैठक में बीसीसीआइ का नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त करने को लेकर भी चर्चा हुई। मालूम हो कि राहुल जौहरी के जाने के बाद से यह पद खाली है। जल्द ही इस पद के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा। इसी महीने बीसीसीआइ ने घरेलू कार्यक्रम घोषित किया था जिसमें उसने कहा था कि प्रतिष्ठित रणजी ट्राफी के साथ सभी आयु वर्ग घरेलू टूर्नामेंटों का आयोजन कराया जाएगा। हालांकि बोर्ड इस बार ईरानी कप के अलावा देवधर और दलीप ट्राफी का आयोजन नहीं करेगा। बोर्ड की तरफ से पेश कार्यक्रम में कहा गया था कि अंडर-23 में वनडे, सीके नायुडू (बहुदिनी) और वीनू मांकड़ ट्राफी (वनडे) टूर्नामेंट कराए जाएंगे।
बोर्ड के एक पदाधिकारी ने कहा बीसीसीआइ आयु वर्ग में अंडर-16, अंडर-19 और अंडर-23 टूर्नामेंट का आयोजन कराता है लेकिन 2020-21 में सिर्फ सीनियर वर्ग के दो टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्राफी और विजय हजारे टूर्नामेंट का आयोजन हुआ था। ऐसे में कई खिलाड़ी ऐसे रहे जो अंडर-23 खेले बिना ही ओवर एज हो गए। अंडर-16 में ओवर एज अंडर-19 खेल सकता है, अंडर-19 में ओवर एज अंडर-23 खेल सकता है लेकिन अंडर-23 में जो नहीं खेल सका है उसका सीनियर टीम में आना मुश्किल हो जाता है इसलिए हमने यह फैसला किया है कि इस बार अंडर-23 की जगह अंडर-25 कराया जाएगा। इससे उन खिलाडि़यों को मौका मिल जाएगा जो पिछले साल नहीं खेल पाने के कारण ओवर एज हो गए।
मालूम हो कि मौजूद सत्र 21 सितंबर (2021) से सीनियर महिला वनडे लीग के साथ शुरू होगा। इसके बाद 27 अक्टूबर 2021 से सीनियर महिला एक दिवसीय चैलेंजर ट्राफी का आयोजन होगा। सैयद मुश्ताक अली ट्राफी का फाइनल 12 नवंबर 2021 को खेला जाएगा। रणजी ट्राफी का आयोजन 16 नवंबर 2021 से 19 फरवरी 2022 तक होगा। विजय हजारे ट्राफी का फाइनल 26 मार्च को खेला जाएगा। सीके नायुडू ट्राफी 18 नवंबर से, वीनू मांकड़ ट्राफी 28 सितंबर से और वनडे टूर्नामेंट अगले साल 23 फरवरी से शुरू होने हैं। इसके साथ ही बीसीसीआइ ने यह भी तय किय है कि इस आयुवर्ग में सिर्फ दो रणजी खिलाडि़यों को खिलाने की अनिवार्यता भी नहीं रहेगी।