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दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर फाफ डुप्लेसी (Faf du Plessis) का मानना है कि
दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर फाफ डुप्लेसी (Faf du Plessis) का मानना है कि आने वाले कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की स्थिति बदल जाएगी. पूर्व अफ्रीकी कप्तान ने दावा किया है कि कुछ सालों में फ्रेंचाइजी या क्लब क्रिकेट पूरी तरह से हावी हो जाएगा और फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की ज्यादा अहमियत नहीं रह जाएगी. हालांकि, डुप्लेसी ने साथ ही कहा कि टेस्ट क्रिकेट के मामले में ऐसा नहीं होगा और ये सिर्फ सीमित ओवरों में होगा. डुप्लेसी हाल ही में मशहूर टी20 टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग के 14वें सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा थे. इसके अलावा भी वह अलग-अलग टी20 लीग में खेल चुके हैं.
टी20 क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता के बाद से ही इस फॉर्मेट की ओर क्रिकेट प्रेमियों और क्रिकेटरों का भी आकर्षण बढ़ा है. खास तौर पर 2008 में आईपीएल की शुरुआत ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट लीग की राह दिखाई, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया से लेकर, इंग्लैंड और पाकिस्तान समेत क्रिकेट खेलने वाले लगभग सभी प्रमुख देशों में ऐसी ही टी20 लीगों की संख्या बढ़ गई है.
लीग आधारित होगा क्रिकेट
फाफ डुप्लेसी ने क्रिकबज से बात करते हुए आने वाले सालों में क्रिकेट की शक्लो-सूरत बदलने का अंदेशा जताया. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि टेस्ट क्रिकेट तब भी इसी तरह जारी रहेगा और उसमें बदलाव नहीं हो सकता. डुप्लेसी के मुताबिक,
"आज से 20-30 साल बाद क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय आधार पर न होकर मुख्य रूप से लीग आधारित हो जाएगा. टेस्ट क्रिकेट बिल्कुल अलग है. यह खेल का सबसे शुद्ध प्रारूप है. टेस्ट मैच कभी भी दोस्ताना नहीं हो सकते."
कई फॉर्मेट और कई लीग
पूर्व दक्षिण अफ्रीकी कप्तान का अंदाजा गलत भी नहीं माना जा सकता. पहले ही दुनियाभर में कई टी20 क्रिकेट लीग खेली जा रही हैं. इसके साथ ही 10 ओवरों वाला टी10 लीग भी पिछले कुछ सालों से कुछ हिस्सों में खेली जा रही है और लोकप्रिय हो रही है. वहीं इंग्लैंड में एक बिल्कुल नया फॉर्मेट शुरू हो रहा है, जिसमें दोनों पारियों में सिर्फ 100-100 गेंदें डाली जाएंगी. ये सभी फॉर्मेट क्लब या फ्रेंचाइजी आधारित हैं और इनकी लोकप्रियता में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
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