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भारतीय गेंदबाजों के सामने इस वजह से थर-थर कांपते हैं दुनियाभर के बल्लेबाज, तेज गेंदबाज हैं हिट तो स्पिनर सुपरहिट

Rani Sahu
2 July 2021 5:31 PM GMT
भारतीय गेंदबाजों के सामने इस वजह से थर-थर कांपते हैं दुनियाभर के बल्लेबाज, तेज गेंदबाज हैं हिट तो स्पिनर सुपरहिट
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भारतीय गेंदबाजों के सामने इस वजह से थर-थर कांपते हैं दुनियाभर के बल्लेबाज

भारतीय क्रिकेट टीम पहली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में हार गई. उसे न्यूजीलैंड के हाथों साउथैंप्टन में आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इस हार को हटा दें तो भारत ने टेस्ट चैंपियनशिप के पिछले दो साल में कमाल की क्रिकेट खेली. उसने ऑस्ट्रेलिया-वेस्ट इंडीज में सीरीज जीती तो घरेलू जमीन पर कामयाबी जारी रखी. इसी का नतीजा था कि टीम ने फाइनल में जगह बनाई. विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया की इस कामयाबी में गेंदबाजों का जबरदस्त योगदान रहा. उन्होंने लगातार विकेट निकाले और ड्रॉ के बजाए भारत के लिए नतीजे के बक्से में जीत रखी. ऐसे में एक नज़र डालते हैं टीम इंडिया के उन गेंदबाजों पर जिन्होंने टेस्ट में 20 विकेट चटकाने की काबिलियत दिखाई.

किसी भी गेंदबाज की काबिलियत का पैमाना होते हैं उसके नाम के आगे विकेटों की संख्या. साथ ही विकेट लेने की औसत भी किसी भी गेंदबाज की ताकत को दिखाता है. विकेट लेने के औसत का मतलब है कि कोई गेंदबाज कितने रन देने के बाद विकेट लेता है. इस मामले में भारतीय टीम के मौजूदा गेंदबाजों का रिकॉर्ड जबरदस्त है. वर्तमान में टीम इंडिया की गेंदबाजी के मुखिया जसप्रीत बुमराह इस मामले में सबसे आगे हैं. कम से कम 50 विकेटों को मानक रखा जाए तो भारतीय गेंदबाजों में बुमराह सबसे आगे हैं. उन्होंने अभी तक 23.21 की औसत के साथ विकेट लिए हैं. यानी हर बार 23 रन देने के बाद उन्हें एक विकेट मिल जाता है.
जसप्रीत बुमराह के बाद इस लिस्ट में दूसरा नाम रवींद्र जडेजा का है. जडेजा वैसे तो आर अश्विन की फिरकी के आगे छुपा दिए जाते हैं लेकिन स्ट्राइक रेट के मामले में वे अपने सीनियर साथी से आगे हैं. जडेजा टेस्ट क्रिकेट में प्रत्येक 25वें रन पर विकेट ले लेते हैं. उनका औसत 24.41 का है.
तीसरे नंबर पर रवि अश्विन ही आते हैं. वे जडेजा से मामूली अंतर से ही पीछे हैं. अश्विन ने टीम इंडिया के लिए 24.56 की औसत के साथ विकेट निकाले हैं. यानी वे भी 25वां रन देने से पहले ही आमतौर पर भारत को विकेट दिला देते हैं. इस तरह जडेजा और अश्विन दोनों के साथ में गेंदबाजी करने पर विरोधी बल्लेबाज का आउट होना तय हो जाता है.
भुवनेश्वर कुमार अभी भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे हैं. उन्हें हालिया इंग्लैंड दौरे पर भी साथ नहीं ले जाया गया था. कई लोगों का मानना है कि टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भुवी की कमी के चलते ही टीम इंडिया को हार झेलनी पड़ी. उनका कहना शायद गलत भी नहीं है कि क्योंकि भुवनेश्वर कुमार टेस्ट में 26.09 की औसत के साथ विकेट निकालते हैं. यानी 26वें रन के बाद उनका विकेट पक्का हो जाता है.
भुवी के बाद मोहम्मद शमी का नाम भारत के बेस्ट स्ट्राइक वाले गेंदबाजों में आता है. यह तेज गेंदबाज 27.57 की औसत के साथ विकेट चटकाता है. अब सोचिए इस तरह के गेंदबाजों के होते हुए भारतीय टीम कैसे कामयाब नहीं होगी.


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